जयपुर. राजधानी जयपुर में चांदी की टकसाल पर रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव, जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित और नगर निगम कमिश्नर विश्राम मीणा को नोटिस जारी किया है. आयोग ने रामप्रसाद मीणा आत्महत्या मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. नोटिस में 3 दिन में तथ्यात्मक जानकारी नहीं देने पर व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही रामप्रसाद मीणा के परिवार को मुआवजा और पुनर्वास के भी निर्देश दिए गए हैं.
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मांगे पूरी होने पर ही होगा शव का अंतिम संस्कारः रामप्रसाद मीणा ने 17 अप्रैल को सुसाइड किया था. सुसाइड से पहले वीडियो जारी किया था. जिसमें मंत्री महेश समेत करीब 8 लोगों पर आरोप लगाए गए थे. परिजन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 5 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं. परिजनों का कहना है कि मांगे पूरी होने पर ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. हालांकि परिजनों की मांगों पर अभी तक सहमति नहीं बनने से धरना जारी है. इस पूरे मामले को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने गंभीरता से लिया है. मामले में पर संज्ञान लेकर आयोग ने मुख्य सचिव, डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव, जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित और नगर निगम कमिश्नर विश्राम मीणा को नोटिस देकर आयोग ने रामप्रसाद मीणा आत्महत्या मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. सारी जानकारी 3 दिन में देने के लिए कहा गया है.
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मृतक की पत्नी और मां की बिगड़ी तबीयतः मृतक के परिजन अपने विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. पांचवें दिन मृतक की पत्नी और मां की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद एंबुलेंस में बैठाकर सवाई मानसिंह अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया गया है. डॉक्टर की टीम उनका इलाज कर रही है. वहीं अन्य परिजन धरना स्थल पर बैठे हुए हैं. परिजनों के साथ राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा भी धरने पर बैठे हैं. वह पिछले पांच दिन से पीड़ित परिवार के साथ धरने पर बैठे हुए हैं. उन्होंने अशोक गहलोत सरकार से भी मांग की है कि वह पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता के साथ रहने के लिए आवास और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदा की जाए.