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jaipur, Rajasthan Assembly Election Result 2023: राजस्थान में सिर्फ एक ही सवाल राज बदलेगा या रिवाज, कल मिलेगा जवाब

jaipur, rajasthan vidhan sabha chunav assembly election Result 2023: राजस्थान में बीते 6 विधानसभा चुनाव में हर बार सत्ता की कुर्सी की अदला-बदली होती आई है. इन चुनावों में चार बार मतदान प्रतिशत बढ़ा जबकि दो बार कम हुआ है लेकिन इसका राजस्थान के रिवाज पर कोई असर नहीं पड़ा है. वहीं इस बार विधानसभा चुनाव 2023 में बीते 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 75.45 फ़ीसदी मतदान हुआ है. ऐसे में इस बार चर्चा है कि राज बदलेगा या रिवाज.

Rajasthan Assembly Election Result 2023
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 2, 2023, 5:59 PM IST

राजस्थान में सिर्फ एक ही सवाल राज बदलेगा या रिवाज

जयपुर.पांच राज्यों के चुनाव परिणाम सिर्फ राज्यों की कुर्सियां नहीं हिलायेंगे बल्कि लाल किले के दावेदारों का भी पता बताएंगे. राजस्थान में इस समय हर जुबान पर एक ही सवाल है कि सत्ता परिवर्तन होगी या कांग्रेस सरकार रिपीट होगी, इस सवाल का जवाब कल चुनाव परिणाम आने के बाद साफ हो जाएगा.

हालांकि राजस्थान में 1993 से लेकर अब तक हर बार सत्ता परिवर्तन का रिवाज रहा है. राजस्थान में अशोक गहलोत की जीत या वसुंधरा की हार का मतलब सिर्फ एक मुख्यमंत्री पद को खोना या पाना भर नहीं है. राजस्थान के विधानसभा चुनाव को लेकर जो एग्जिट पोल आए हैं, उससे एकतरफा अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है कि किस पार्टी की सरकार बनने जा रही है. नतीजे 3 दिसंबर की दोपहर तक पूरी तरह से सामने आएंगे.

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विधानसभा चुनाव 1993 : उत्तर प्रदेश में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी की भैरो सिंह शेखावत सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू किया गया. इसके बाद जब चुनाव हुआ तो बीजेपी को 60.62 फीसदी वोट मिले लेकिन बहुमत नहीं मिला, लेकिन फिर भी जनता दल के साथ मिलकर बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई.

विधानसभा चुनाव 1998: कांग्रेस ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और 63.40 फीसदी वोटों के साथ 153 सीटों पर भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई. इस चुनाव में बीजेपी महज 33 सीटों पर सिमट कर रह गई.

विधानसभा चुनाव 2003 :सत्ताधारी कांग्रेस को 2003 के चुनाव में करारी हार हुई. बीजेपी ने 67.20 फीसदी वोटों के साथ 120 सीटें जीतकर बहुमत के साथ सरकार बनाई. इस चुनाव में कांग्रेस 56 सीटों पर सिमट गई.

विधानसभा चुनाव 2008: इन चुनाव में ना बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला, ना कांग्रेस को लेकिन फिर भी रिवाज नहीं बदला.कांग्रेस ने बसपा के छह विधायकों के साथ सरकार बनाई और सत्ता बदलने का रिवाज बरकरार रहा.

विधानसभा चुनाव 2013 :राजस्थान में साल 2013 के चुनाव में 75 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ. चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट कर रह गई और बीजेपी ने 163 सीटों के साथ सरकार बनाई.

विधानसभा चुनाव 2018 : साल 2018 के चुनाव में प्रदेश की जनता ने रिवाज कायम रखा. कांग्रेस 100 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जो बहुमत से महज एक सीट कम थी, जबकि बीजेपी को सिर्फ 73 सीट से ही संतोष करना पड़ा. अशोक गहलोत ने जादूगरी दिखाते हुए निर्दलीय और बसपा के विधायकों को साथ लेकर फिर से एक बार सीएम की कुर्सी संभाली.

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राजस्थान के सियासी मिजाज पर राजनीतिक विश्लेषक श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि राजस्थान में वोटिंग ज्यादा हुआ है जिसकी वजह से ये चर्चा जोरों पर होने लगी है कि पुरानी परंपरा कायम रहेगी या सत्ता का परिवर्तन होगा. उन्होंने कहा कि सत्ता का परिवर्तन निश्चित तौर पर होगा. राजस्थान में बीजेपी की सरकार बन सकती है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री को दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पीएम ने लगातार राजस्थान दौरा किया और करीब 102 विधानसभा सीट को कवर करने का प्रयास किया. उन्होंने बताया कि पीएम की करीब 8 जनसभाएं हुई, रोड शो हुए. उन्होंने युवाओं को अपने पक्ष में करने के लिए संदेश दिया कि उनका व्यक्तिगत काम करना है, और काम बताया कि घर जाकर के बड़े बुजुर्गों को बताना कि मोदी आए थे उन्होंने राम राम भेजा है. उस राम-राम का परिणाम निश्चित रूप से बीजेपी के पक्ष में मिलेगा और परिवर्तन का युग आएगा.

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उन्होंने कहा कि ये बात सही है कि इस बार मतदान अधिक हुआ है और महिलाओं ने अधिक मतदान किया है और यदि महिला सत्ता परिवर्तन चाहती हैं तो गहलोत सरकार की योजनाएं प्रभावित नहीं करेंगी. श्याम सुंदर ने बताया कि जिस तरह मुख्यमंत्री कह रहे थे कि उनकी योजनाओं का धरातल पर बहुत अधिक प्रभाव हुआ है, लेकिन जिस तरह उन्होंने मोबाइल भी एक करोड़ की बजाए सिर्फ 40 लाख ही बांटे, उसका भी विपरीत परिणाम आ सकता है. राजनीतिक विश्लेषक श्याम सुंदर ने बताया कि इस बार राजस्थान में 20 सीट ऐसी है, जहां पर त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबला हुआ है. जिन पर दोनों ही पार्टियों के अपने-अपने दावे हो सकते हैं लेकिन सत्ता का जो परिवर्तन का दौर हमेशा यहां कायम रहा है, वो इस बार भी कायम रहा तो निश्चित रूप से सत्ता का परिवर्तन संभव है.

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