जयपुर. प्रदेश के चुनावी माहौल में परिणाम का इंतजार जल्द ही समाप्त होने वाला है. ऐसे में चर्चित युवा चेहरे, दल बदल करने वाले बड़े नामों के परिणाम पर पूरे प्रदेश की निगाह टकटकी लगाकर इंतजार कर रही है. जाहिर है कि अब तक के इतिहास पर गौर करें, तो प्रदेश में तख्तापलट के लिए एक चौथाई से चंद और ज्यादा सीटें ही सरकारों का रुख तय करती हैं.
कहीं भाजपा मजबूत, कहीं कांग्रेस का वर्चस्व : परिसीमन के बाद 200 में से 57 सीटों के नतीजें ही सरकार को बनाने और बिगाड़ने में अपनी भूमिका अदा करते हैं. इन साढ़े 28 फीसदी विधानसभाओं में इस बार 2.5 दशक के नतीजों से उलट तस्वीर की कल्पना की जा रही है. राज्य की करीब 30 प्रतिशत सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी की मजबूती नजर आती है. वहीं, कांग्रेस करीब साढ़े 10 फीसदी सीटों पर ही अपना वर्चस्व कायम रख पाई है. बची हुई 60 फीसदी सीटों में से आधी ऐसी हैं, जो हर बार अपने हुक्मरानों की तस्वीर को बदल देती है और इन्ही सीटों के जरिए सत्ता का रास्ता यह राजनीतिक दल तय करते हैं.
चर्चित युवा चेहरों पर नजर :इस बार के विधानसभा चुनाव में चर्चित चेहरों पर सबकी नजर रहेगी. खास तौर पर शाहपुरा से भाजपा प्रत्याशी उपेन यादव, बाड़मेर से दीपक कड़वासरा, कोलायत से अंशुमान भाटी के नतीजों पर निगाह रहेगी. वहीं, कांग्रेस से झोटवाड़ा के प्रत्याशी अभिषेक चौधरी, नसीराबाद से प्रत्याशी शिव प्रकाश गुर्जर, संगरिया से अभिमन्यु पूनिया और चौमूं से शिखा मील बराला के परिणाम का इंतजार रहेगा. इसी तरह से निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र भाटी शिव से और छबड़ा से नरेश मीणा मैदान में हैं. इन सब युवा चेहरों का प्रदेशवासी भी बेसब्री से इंतजार करेंगे.
बीजेपी की युवा उम्मीदें
- उपेन यादव
- दीपक कड़वासरा
- अंशुमान भाटी