जयपुर। जम्मू-कश्मीर पुलवामा में शहीदों की वीरांगनाओं को राज्य सरकार की ओर से सम्मान नहीं मिल रहा है. इन वीरांगनाओं को लेकर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा मंगलवार को विधानसभा अचानक पहुंच गए. किरोड़ी लाल मीणा 3 शहीदों के परिवार को लेकर जैसे ही विधानसभा के मुख्य गेट पर पहुंचे तो सुरक्षाकर्मियों के हाथ पांव फूल गए. मीणा इन वीरांगनाओं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलाने के लिए विधानसभा पहुंचे थे. बिना अनुमति के विधानसभा पहुंचे मीणा को मुख्यद्वार पर ही सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया. इसके बाद मीणा शहीदों के परिवार वालों के साथ मुख्यद्वार पर ही धरने पर बैठ गए और सीएम गहलोत से मुलाकात की मांग की.
नहीं मिल रहा सम्मानः राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि पुलवामा में शहीद हुए राजस्थान के वीर सपूतों को 4 साल हो गए. इसके बावजूद प्रदेश की गहलोत सरकार इन वीर सपूतों को मरणोंपरांत भी सम्मान नहीं दे रही है. शहीदों के परिवारों के परिजनों को न तो नौकरी मिल रही है और न ही इन शहीदों की प्रतिमा गांव में बनाई गई है. इतना ही नहीं स्कूल, कॉलेज और सड़क के नाम भी इन शहीदों के नाम पर नहीं रखे जा रहे हैं. मीणा ने कहा कि यह परिवार लंबे समय से सरकार से शहीदों के सम्मान की मांग कर रहा है, लेकिन उन्हें यह सम्मान नहीं मिल रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास इन परिवारों से मिलने का समय तक नहीं है. मुख्यमंत्री निवास पर उनसे मिलने जाते हैं तो पुलिसकर्मी 1 किलोमीटर पहले ही रोक लेते हैं. इसलिए मजबूरन आज विधानसभा में इन परिवारों को मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए लेकर आए हैं. हालांकि बाद में पुलिस की ओर से सीएम से मुलाकात के आश्वासन पर मीणा ने धरना समाप्त कर दिया.