जयपुर.यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने गुरुवार को उदयपुर में अपने ही मंत्रियों एवं विधायकों पर तंज कसकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान जयपुर के स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट में पिछड़ने का कारण राजधानी के मंत्री और विधायको को बताया था. उन्होंने कहा था कि जयपुर में तीन मंत्री और 6 विधायक हैं और यही सबसे बड़ी समस्या है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चार शहर कोटा, अजमेर, जयपुर और उदयपुर हैं. जिनमें सबसे ज्यादा पिछड़ा जयपुर है. मैं वहीं का हूं लेकिन कुछ नहीं कर सका.
ये भी पढ़ेंःजयपुर में स्मार्टसिटी का काम पिछड़ा, शांति धारीवाल ने अपने मंत्री-विधायकों को ठहराया जिम्मेदार
धारीवाल की आदत रही है झूठे बयान देने कीः मंत्री शांति धारीवाल के उक्त बयान पर कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी पलटवार करते हुए कहा कि धारीवाल सीनियर नेता हैं. हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन उनको इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए जो पार्टी और सरकार के विरोध में जाते हों. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि शांति धारीवाल हमेशा पत्थर फेंकते हैं और अगर वह ऐसा करेंगे तो जवाब भी पत्थर में ही मिलेगा. धारीवाल सीनियर नेता हैं, लेकिन उनकी हमेशा से आदत रही है. झूठे बयान देना और झूठे बयान देकर माहौल बनाने की कोशिश करना.
विकास के मामले में जयपुर किसी से पीछे नहींः प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि जयपुर विकास के मामले में राजस्थान के किसी जिले से पीछे नहीं है, बल्कि नंबर एक है. उन्होंने कहा कि धारीवाल जब चाहे तब तुलना कर ले कोटा से जयपुर की, उन्हें पता चल जाएगा. प्रताप सिंह ने कहा कि धारीवाल ने तो पूरा जोर लगाया कि सिर्फ कोटा में विकास करूं, जयपुर में नहीं. जयपुर के विधायक और तीन मंत्रियों में दम है तभी मेट्रो, टनल, अंडरपास, सेंट्रल पार्क जैसी योजनाएं जयपुर में है. उन्होंने कहा कि विकास केवल एक मंत्री की मेहरबानी से नहीं, यह सरकार की ताकत है, और अशोक गहलोत के राज में हर एमएलए, मिनिस्टर को बराबर का अधिकार मिल रहा है.
ये भी पढ़ेंःUDH मंत्री शांति धारीवाल के पानी पिलाने वाले बयान पर बिफरे मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, कहा- डायलॉगबाजी से कमजोर हो रही कांग्रेस
कोटा में खुद लड़ते रहते हैं शांति धारीवालःसख्त नाराजगी जताते हुए कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि धारीवाल जी यह कैसे कह सकते हैं कि जयपुर के विधायक और तीन मंत्री लड़ते रहते हैं. जबकि धारीवाल का तो खुद का रामनारायण मीणा और भरत सिंह कुंदनपुर से विवाद रहता है. वह तो आपस में बात भी नहीं करते. वह खुद कोटा में लड़ते रहते हैं, इसलिए वह हम पर सवाल नहीं खड़े कर सकते. जयपुर के सभी विधायक एक साथ बैठते हैं. जिसका उदाहरण है हाल ही में जयपुर जिले के दो हिस्से होने पर सबका एकजुट रहना. उन्होंने कहा कि जयपुर में कोई टकराव नहीं है, सारे विधायक और मंत्री एक हैं. वह जो सर्टिफिकेट बांटते घूम रहे हैं वह अच्छा नहीं लगता.
प्रभारी मंत्री होने के बाद भी जयपुर की एक भी बैठक नहीं लीः मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने धारीवाल पर एक बार फिर कटाक्ष किया कि हर कोई जानता है कि प्रभारी मंत्री होने के बावजूद भी उन्होंने जयपुर जिले की एक भी बैठक नहीं की. इसके बावजूद भी हमने तो उनके डिपार्टमेंट से काम करवाए, उनको तो यह भी नहीं पता. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि वह यूडीएच मंत्री हैं तो वह जो चाहेंगे वही काम करवाएंगे. अगर हम राजनीति में आए हैं तो हमें भी काम करवाना आता है. हम तीन मंत्री और छह विधायक एकजुट हैं और इसी के चलते जयपुर विकास के मामले में नंबर एक है.
धारीवाल बताएं उनके नेता राहुल गांधी या कटारियाः जयपुर के तीन मंत्रियों और 6 विधायकों में विवाद के चलते विकास अवरुद्ध होने के बयान के मामले में मंत्री शांति धारीवाल दूसरे मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के निशाने पर आ गए हैं. इस बयान से प्रताप सिंह खाचरियावास इतने नाराज नजर आ रहे हैं कि उन्होंने धारीवाल को 25 सितंबर पर मिले अनुशासनहीनता के नोटिस की याद दिला दी. उन्होंने कहा कि वह बताएं कि उनके नेता मलिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी हैं या फिर गुलाबचंद कटारिया, जो वह कटारिया के चेले की तरह उनके कसीदे ऐसे पढ़ रहे थे कि जैसे वो भाजपा के कार्यकर्ताओं हों.
प्रताप सिंह ने कहा कि धारीवाल के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे, सर्वमान्य नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी हैं, लेकिन कल धारीवाल कटारिया के साथ उनके चेले की तरह बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जिस तरह की भाषा उन्होंने कटारिया के सम्मान और गाथा में कही, उससे यूं लगा कि कटारिया उनके नेता हैं. उन्होंने कहा कि धारीवाल कल भाजपा के कार्यकर्ता बनकर उत्तेजित होकर बात कर रहे थे. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि धारीवाल ने संकल्प ले रखा है कि कैसे गलत ओर विवादित बयान देने हैं,जिस तरह की भाषा धारीवाल बोल रहे हैं वह कांग्रेस कार्यकर्ता की नहीं हो सकती. कटारिया के सम्मान में तो वो कसीदे पढ़ रहे थे और जयपुर के नेताओं को गालियां दे रहे थे. उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए और बताना चाहिए कि क्या कटारिया उनके नेता है? अगर कटारिया उनके नेता हैं तो क्या वह बीजेपी के कार्यकर्ता हैं. मंत्री प्रताप सिंह ने उन्हें 25 सितंबर को मिले नोटिस की याद दिलाते हुए कहा कि उनको अनुशासनहीनता का नोटिस मिला, उसके बावजूद वह जिस भाषा का उपयोग कर रहे हैं वह कांग्रेस विरोधी है.