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Jaipur POCSO court: दुष्कर्म के बाद नाबालिग की हत्या करने वाले किशोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 9 साल की बच्ची के (POCSO court sentences life imprisonment) साथ दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में किशोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Jaipur POCSO court,  POCSO court sentences life imprisonment
नाबालिग की हत्या करने वाले किशोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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Published : Jul 15, 2023, 7:14 PM IST

जयपुर.पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और अप्राकृतिक कृत्य करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में 17 साल 7 माह और 25 दिन के किशोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने किशोर पर 63 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा कि किशोर को 21 साल की उम्र तक सुरक्षित गृह में रखा जाए और फिर शेष सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया जाए. बताया जा रहा है कि यह प्रदेश का संभवत: पहला ऐसा मामला है, जहां 18 साल से कम के किशोर को आजीवन कारावास की सजा दी गई है.

अदालत ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम में प्रावधान है कि किसी बालक को मृत्युदंड या छोडे़ जाने की संभावना के बगैर आजीवन कारावास से दंडित नहीं किया जा सकता. इस अधिनियम में हर आजीवन कारावास को प्रतिबंधित नहीं किया गया है. पॉक्सो एक्ट में दुष्कर्म के कुछ अपराधों के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है. बशर्ते की उसमें सीआरपीसी की धारा 432 व धारा 433 के तहत रेमीशन या सजा लघुकरण करने की शक्ति राज्य सरकार के पास हो.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा, लगाया 66 हजार का अर्थदंड

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक महावीर किशनावत ने अदालत को बताया कि नौ साल की पीड़िता अपने परिवार के साथ किशोर के मकान में किराए से रहती थी. घटना के दिन 4 जून 2022 की सुबह 11 बजे पीड़िता अपने पिता के पास बैठी थी. इतने में किशोर भी वहां आ गया और आधे घंटे बैठा रहा. वहीं पिता के कहने पर पीड़िता शोरूम के नल से पानी लेने चली गई तो किशोर भी वहां से निकल गया. काफी देर तक पीड़िता वापस नहीं आई तो उसकी पत्नी उसे ढूंढने लगी, लेकिन पीड़िता नहीं मिली. इस दौरान किशोर भी वहां आ गया और बोला की पीड़िता को बाड़ा में देखकर आओ.

जब परिजनों ने वहां जाकर देखा तो पीड़िता निर्वस्त्र थी और उसका गला कटा हुआ था. इस पर उसके पिता ने आमेर थाने में किशोर पर शक जाहिर करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने किशोर को निरुद्ध कर उसकी मानसिक व शारीरिक क्षमता की जांच करने के बाद बाल न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र पेश किया. वहीं बाद में बाल न्यायालय ने किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के प्रावधानों की परिधि में उसका वयस्क की तरह ट्रायल करने के लिए मामला सामान्य कोर्ट में भेज दिया. जहां अदालत ने किशोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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