राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

युवती से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को दस साल की सजा

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने युवती को ब्लैकमेल (POCSO court sentenced ten years) करके कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 10 साल की सजा सुनाई है.

Jaipur POCSO court sentenced,  POCSO court sentenced ten years
अभियुक्त को दस साल की सजा.

By

Published : Jul 8, 2023, 8:17 PM IST

जयपुर.पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर द्वितीय ने युवती को ब्लैकमेल कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रवि खान को दस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने भरतपुर निवासी इस अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान में इस तरह की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं. जिन पर नियंत्रण पाना जरूरी है, यदि अदालत की ओर से ऐसे अपराधियों के प्रति सहानुभूति बरती जाती है तो अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे और ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललिता संजीव महरवाल ने अदालत को बताया कि पीड़िता की मां ने 28 फरवरी 2020 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी बेटी एक दिन पहले घर से तीन जोड़ी कपडे़ और 200 रुपए लेकर बिना बताए कहीं चली गई है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि उसकी सहेली ने उसकी दोस्ती रवि खान से कराई थी. इसके बाद वह उसे एक कैफे में लेकर गया था. यहां अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया और इस दौरान अश्लील वीडियो भी बना लिया. वहीं घटना की जानकारी देने पर उसकी मां और भाई को मारने व वीडियो को वायरल करने की धमकी दी. इसके बाद अभियुक्त ने उसे कई बार बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया. अभियुक्त ने 26 फरवरी, 2020 को आखिरी बार उससे दुष्कर्म किया था.

पढ़ेंः पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा, लगाया 66 हजार का अर्थदंड

इसके बाद अभियुक्त ने उसे शादी का झांसा देकर अपने किराए के कमरे में बुलाया. जब वह वहां पहुंची तो अभियुक्त उसे कमरे पर नहीं मिला. जब उसने पड़ोसी के फोन से अभियुक्त को फोन किया तो अभियुक्त ने उसके साथ शादी करने से इनकार कर दिया. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि डीएनए जांच में अभियुक्त का डीएनए पीड़िता के कपड़ों पर पाया गया है. ऐसे में उसे दंडित किया जाए. वहीं बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है और एफआईआर में भी उसका नाम नहीं है. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस, पीड़िता के बयान और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को सजा सुनाई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details