जयपुर. राजस्थान में जयपुर ग्रेटर नगर निगम चुनाव के महापौर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस से खरीद-फरोख्त का (BJP fears horse trading of councilors) डर सता रहा है. ऐसे में भाजपा ने पार्षदों की बाड़ाबंदी कर दी है. भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों को पार्टी कार्यालय से चौमूं स्थित चौमूं पैलेस होटल में ले जाया गया है. दो बसों में सभी बीजेपी और समर्थित निर्दलीय पार्षद जयपुर बीजेपी मुख्यालय से रवाना हुए. इन सभी महापौर के 10 नवंबर (Mayor election on 10 November) को होने वाले चुनाव तक सभी को होटल में ही रखा जाएगा.
रवानगी से पहले बैठक: पार्षदों को चौमूं ले जाने से पहले भाजपा पार्टी कार्यालय में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने सभी पार्षदों की बैठक ली. बैठक में ही पार्षदों की बाड़ाबंदी का फैसला किया गया. हालांकि, पार्षदों को पहले ही अपने सूटकेस के साथ आने के लिए कह दिया गया था. ऐसे में बाड़ाबंदी (barricade of BJP councilors) पहले से ही लगभग तय थी. बैठक में संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने सभी पार्षदों को हिदायत दी कि पार्टी की ओर से महापौर को लेकर लिए जाने वाली निर्णय सभी अपना समर्थन दें. उन्होंने कहा कि पार्टी का निर्णय ही सर्वोपरि निर्णय होना चाहिए.
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महापौर सहित चार पार्षद निष्कासित : तत्कालीन महापौर सौम्या गुर्जर सहित चार पार्षदों को तत्कालीन नगर निगम आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव के साथ अभद्रता के चलते सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था. इसके बाद भाजपा की ही पार्षद शील धाभाई सरकार ने कार्यवाहक मेयर के रूप में चार्ज दे रखा था. भारतीय जनता पार्टी में महापौर का अगला प्रत्याशी कौन होगा इसका फैसला आज रात या फिर शुक्रवार की सुबह बाड़ाबंदी स्थल पर ही होगा. यहीं से प्रत्याशी को नामांकन भरवाने के लिए ग्रेटर नगर निगम के कार्यालय ले जाया जाएगा.
नहीं आईं शील धाभाई :बीजेपी पार्षदों की बाड़ाबंदी में बीजेपी की पार्षद और कार्यवाहक महापौर बनाई गई शील धाभाई की अनुपस्थिति काफी चर्चाओं का विषय है. बीजेपी के ज्यादातर पार्षद पार्टी कार्यालय पहुंच कर बाड़ाबंदी में चले गए, लेकिन शील धाभाई न पार्टी कार्यालय पहुंचीं और न ही बाड़ाबंदी में शामिल हुईं. इस बीच पार्टी में अंदर खाने इस बात का डर सता रहा है कि कहीं ऐसा नहीं हो कि शील धाभाई को महापौर का उम्मीदवार नहीं बनाने पर पूर्व में निर्मला नाहटा वाला इतिहास दोहराया जाए.
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दो दिन भरे जाएंगे नामांकन : राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना गुरुवार सुबह 10 बजे से लागू हो गई. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के पास अब केवल आज और कल का दिन ही समय बचा है कि वह अपना उम्मीदवार फाइनल करे. हालांकि, बताया जा रहा है कि सभी पार्षदों की बाड़ाबंदी में होने के बाद में जो भी महापौर के दावेदार हैं, उनकी परिचय डाली जाएगी. जिसका भी नाम चुना आएगा, उसे बड़ाबंदी से ही नामांकन दाखिल करने के लिए लाया जाएगा.
10 दिन की तैयारी के साथ पहुंचे पार्षद : पार्टी की ओर से मिले निर्देश के बाद पार्षद पार्टी कार्यालय पहुंच गए हैं, जहां से उन्हें बाड़ाबंदी में ले जाया गया. ग्रेटर निगम के वार्ड नंबर 101 के पार्षद मोतीलाल ने कहा कि पार्टी के निर्देश मिले हैं, उसकी पालना में 10 दिन की तैयारी के साथ पार्टी कार्यालय आए हैं. जो भी पार्टी का निर्णय होगा वह हमारे लिए सर्वमान्य है. पार्टी जिसे भी महापौर बनाने के लिए निर्देश देगी, हमारा मत उसी को जाएगा.