जयपुर.जयपुर मेट्रो की स्थाई लोक अदालत ने ईएसआईसी बीमाधारक को राहत दी है. साथ ही ईएसआईसी व राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह परिवादी के बेटे के बोनमैरो ट्रांसप्लांटेशन सहित अन्य इलाज पर खर्च हुए 60 लाख रुपए 2 दिसंबर 2021 से सात प्रतिशत ब्याज सहित दे. वहीं अदालत ने इलाज में लापरवाही बरतने और परिवादी पक्ष को हुई परेशानी पर ईएसआईसी व राज्य सरकार पर 1.21 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. अदालत के अध्यक्ष हरविन्दर सिंह ने यह आदेश दीपक पारीक के परिवाद पर दिया.
अदालत ने कहा कोविड लॉकडाउन के दौरान परिवादी के बेटे को विपक्षी के अस्पताल की मेडिकल टीम ने जयपुर से दिल्ली के ईएसआई अस्पताल में रैफर कर दिया. जबकि उन्होंने यह भी पता नहीं लगाया कि वहां बोनमैरो ट्रांसप्लांट का इलाज है या नहीं. ऐसी आपातकालीन परिस्थितियों में परिवादी को अपने बेटे का इलाज निजी अस्पताल में कराना पडा. परिवाद में गया कि परिवादी ने अपने परिवार का ईएसआईसी से बीमा करवाया था और समय-समय पर वह इसका नवीनीकरण भी करवाया. इस दौरान मार्च 2020 में उसके बेटे आयान के गले में दर्द हुआ तो उसे मणिपाल अस्पताल में दिखाया. वहां 19 मार्च 2020 को ऑपरेशन के बाद गले से गांठ निकाल दी और उसे बायोप्सी के लिए भेजा. जांच में मरीज को तुरंत ही कीमोथैरेपी व बोनमैरो ट्रांसप्लांट के लिए कहा गया.