जयपुर.राजधानी में जयपुर मेट्रो-प्रथम की स्थाई लोक अदालत ने टाउनशिप में स्थित भूखंड के मेंटेनेंस शुल्क से जुडे़ मामले में कहा है कि भूखंड की रजिस्ट्री हुए बिना आवंटी से मेंटेनेंस शुल्क की वसूली नहीं की जा सकती. लोक अदालत ने कहा कि भूखंड की रजिस्ट्री नहीं होने के चलते परिवादी को खरीदार की श्रेणी में नहीं मान सकते. ऐसे में रजिस्ट्री होने के बाद ही विकासकर्ता मेंटेनेंस शुल्क वसूलने के अधिकारी होंगे.
इसके साथ ही अदालत ने अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को निर्देश दिए हैं कि वह दो महीने में भूखंड की रजिस्ट्री कराए और इसके बाद ही परिवादी भी नियमानुसार मेंटेनेंस शुल्क अदा करे. लोक अदालत के अध्यक्ष हरविन्दर सिंह ने यह आदेश रामस्वरूप शर्मा के परिवाद पर दिए. परिवाद में अधिवक्ता पवन शर्मा ने बताया कि परिवादी ने अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से अंसल सुशांत सिटी प्रथम टाउनशिप में 14 दिसम्बर 2005 को भूखंड खरीदा था, लेकिन मेंटेनेंस शुल्क को लेकर उनके बीच कोई कॉन्ट्रेक्ट नहीं हुआ था.