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19 जनवरी को होगा जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज, विश्व की नामचीन हस्तियां होंगी शामिल - jaipur literature festival 2023

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 19 से 23 जनवरी (Jaipur Literature Festival) को होटल क्लार्क्स आमेर में होगा. इस साल साहित्य के महाकुंभ के 16वें संस्करण में नामचीन लेखिकाओं की कलम के रंग बिखरेंगे. इस सत्र में शामिल होने वाले वक्ताओं में खास तौर पर एमिली पर्किन्स, यूजेनिया कुजनेत्सोवा, एना फिलोमिना अमराल और ताध्ग मैक डोंने जैसे नाम प्रमुख हैं.

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JLF 2023 में गूंजेगी सशक्त महिलाओं की आवाज़

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Published : Jan 7, 2023, 10:48 AM IST

जयपुर. विश्व साहित्य में महत्वपूर्ण मौजूदगी दर्ज कराने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का (Jaipur Literature Festival) आयोजन 19 से 23 जनवरी होगा. इसका आयोजन गुलाबी नगरी जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में होगा. इस साल साहित्य के महाकुंभ के 16वें संस्करण में नामचीन लेखिकाओं की कलम के रंग बिखरेंगे. फेस्टिवल के कई महत्वपूर्ण सत्र महिला लेखकों की उपलब्धि को समर्पित होंगे, जिनमें लेखन के जरिए उनके सफर को बुना जायेगा.

एक विशेष सत्र, फीमेल गेज पर आधारित होगा. इस दौरान बताया जाएगा कि जब कोई स्टोरी को किसी महिला के नज़रिए से लिखा जाता है, तो वो कैसे दूसरे से अलग होती है ? ये ‘फीमेल गेज़’ महिलाओं को पोर्ट्रेट करने का नजरिया पेश करेगा. इस सत्र में शामिल होने वाले वक्ताओं में खास तौर पर एमिली पर्किन्स, यूजेनिया कुजनेत्सोवा, एना फिलोमिना अमराल और ताध्ग मैक डोंने जैसे नाम प्रमुख हैं. इनसे लेखिका सस्क्या जैन बातचीत करेंगी. बातचीत के दौरान सत्र में महिलाओं के नजरिए से लेखन की सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनैतिक जरूरतों को तफसील से समझा और समझाया जाएगा.

बुकर प्राइज विजेता बेर्नार्दिन एवारिस्तो के संस्मरण, मेनिफेस्टो: ऑन नेवर गिविंग अप उनके संघर्षमय जीवन की कहानी कहता है. कैसे उन्होंने दशकों तक लड़ाई लड़ी, जिससे वो अपनी बात दुनिया के सामने रख सकें. फेस्टिवल में एवारिस्तो से पत्रकार और लेखक नंदिनी नायर बात करेंगी. एक अन्य सत्र में इंटरनेशनल बुकर विजेता गीतांजलि और अनुवादक डेजी रॉकवेल के साथ साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के विजेता तनुज सोलंकी संवाद करेंगे. हिंदी का यह सत्र मूल उपन्यास रेत समाधि पर आधारित होगा, जिसमें स्टोरी टेलिंग के प्रयोग, नये आयामों की खोज और अस्सी बरस की नायिका की नजर से विभाजन पर चर्चा होगी.

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युवा पीढ़ी तक संस्कृति को पहुंचाने की कोशिश: लेखिका सुधा मूर्ति अपने तजुर्बे की कहानियों के जरिए युवा पीढ़ी तक संस्कृति को पहुंचाने की कोशिश करेंगी. सत्र के दौरान, सुधा मूर्ति से पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया की पूर्व एडिटर इन चीफ, मेरु गोखले संवाद करेंगी. एक अन्य साहित्यिक सत्र में, लेखिका, प्रकाशक और फेस्टिवल को डायरेक्टर नमिता गोखले से पत्रकार मंदिरा नायर की टॉक खास होगी. सत्र में गोखले की किताबों के माध्यम से उनके जीवन के सफर पर रोशनी डाली जाएगी. एक अन्य सत्र में लेखिका अलका सरावगी और 'टोकरी में दिगंत' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवयित्री अनामिका से हिंदी साहित्य की गहनता पर चर्चा होगी, इनसे प्रसिद्ध पत्रकार निष्ठा गौतम की चर्चा होगी.

संगीत जगत के यादगार लम्हे भी होंगे हिस्सा: पत्रकार विकास कुमार झा भारत की पॉप आइकन और प्लेबैक सिंगर उषा उथुप की जीवनी का अंग्रेजी अनुवाद, द क्वीन ऑफ़ इंडियन पॉप, पर बात करेंगे. सृष्टि झा ने उथुप की जीवनी के रंगीन और प्रेरक करियर को बेहद खूबसूरती से दर्ज किया है. लेखिका सत्या सरन और उथुप के साथ संवाद में झा संगीत, यादों, महत्वपूर्ण पड़ावों और किताब के बारे में बात करेंगे. एक सत्र, ‘लता जी ए लाइफ इन म्यूजिक’ में संगीत और सिनेमा के जानकार यतीन्द्र मिश्र से लेखिका अनु सिंह चौधरी संवाद करेंगी. स्वर्गीय लता मंगेशकर के लम्बे और शानदार संगीतमय सफर को बयां करते हुए मिश्र ने अपनी किताब, लता - सुर गाथा और इरा पांडे के अंग्रेजी अनुवाद की विस्तार से चर्चा करेंगे. फेस्टिवल में जानी-मानी अदाकारा दीप्ति नवल से उनकी नई किताब ए कंट्री कॉल्ड चाइल्डहुड पर उद्यमी सूरीना नरूला चर्चा करेंगी. इस संस्मरण में नवल ने बड़ी ईमानदारी से अपने काम और जीवन को दर्ज किया है.

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एक अन्य सत्र में, पुरस्कृत लेखिका किश्वर देसाई से नौकरशाह और IRS ऑफिसर निरुपमा कोत्रू संवाद करेंगी. देसाई की किताब द लांगेस्ट किस: द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ़ देविका रानी में इंडिया की पहली इंटरनेशनल सुपरस्टार, देविका रानी के जीवन और कैरियर का ब्यौरा है. एक अन्य सत्र में लेखिका चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी से उपन्यास इंडिपेंडेंस पर इतिहासकार आंचल मल्होत्रा चर्चा करेंगी. दिवाकरुनी का उपन्यास तीन बहनों और 1947 के विभाजन पर उनके अलग-अलग नजरियों पर आधारित है.

उर्वशी बुटालिया और प्रोफेसर रीटा कोठारी का संवाद होगा: फेस्टिवल में जयपुर बुकमार्क सेशन में ‘वीमेन ट्रांसलेटिंग वीमेन’ में अशोका सेंटर फॉर ट्रांसलेशन की अनुवाद के क्षेत्र में पहल पर चर्चा होगी. इस सत्र में जुबान की को-फाउंडर उर्वशी बुटालिया और प्रोफेसर रीटा कोठारी का संवाद होगा. एक सत्र ‘वीमेन एंड वर्क’ में लेखिका शैली चोपड़ा, मिनी वैद और रिटायर्ड IFS लक्ष्मी पुरी से यूएन वीमेन कंट्री रिप्रेजेंटेटिव सूसन फर्गुसन संवाद करेंगी. विभिन्न पृष्ठभूमि से आई ये महिलाएं कामकाजी महिलाओं के जीवन में आने वाली समस्याओं पर चर्चा करेंगी. इसी तरह क्यूरेटर कैटी हेसल ने कला जगत में अरसे से बरकरार पुरुषों के वर्चस्व को हिलाने की कोशिश की है. अपने ब्लॉग ‘द ग्रेट वीमेन आर्टिस्ट्स’ में हेसल ने 1500 से 21वीं सदी की महिला कलाकारों के कामों को बयां किया है. कला इतिहासकार ज़ेवियर ब्रेयसे संवाद में हेसल से कला जगत में मौजूद पितृसत्ता पर बात करेंगी.

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इसी कड़ी में इतिहासकार कैटी हिकमन अपनी नई किताब, ब्रेव हार्टेड: द वीमेन ऑफ़ द अमेरिकन वेस्ट में अमेरिकी इतिहास में हुए सबसे बड़े माइग्रेशन में महिलाओं के हालात बताएंगी. फेस्टिवल में आयोजित एक सत्र में हिकमन से लेखिका बी रोलेट चर्चा करेंगी. स्पाई प्रिंसेस: द स्टोरी ऑफ़ नूर इनायत खान की लेखिका श्रबानी बासु और लोनली करेज के लेखक रिक स्ट्राउड टीपू सुल्तान की वंशज नूर इनायत खान के शानदार जीवन पर चर्चा करेंगे. नूर द्वितीय विश्वयुद्ध में एकमात्र एशियाई सीक्रेट एजेंट थीं.

एक सेशन ‘लाइज अवर मदर टोल्ड अस’ में समकालीन महिलाओं की चुनौतियों पर बात होगी. पुरस्कृत पत्रकार नीलांजना भौमिक और डिप्टी कंट्री रिप्रेजेंटेटिव यूएन वीमेन इंडिया कांता सिंह से इस मुद्दे पर बात करेंगी. ऐसा माना जाता है कि 19वीं सदी से कई भारतीय महिलाओं ने कई क्षेत्रों में बराबरी की लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की. कागजों पर ये दिखता है कि 21वीं सदी की महिलाओं के हालात में बहुत सुधार हुआ है. हालांकि, पूंजीवाद की मांग और पितृसत्ता की मौजूदगी में महिलाओं की मुश्किल और गैर-बराबरी के जीवन पर समाज में आज भी चर्चा जारी है.

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