जयपुर. जिले के दिल्ली रोड स्थित निजी विश्वविद्यालय में लीडरशिप शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. यह आयोजन स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में 200 से अधिक स्कूल निदेशक, प्रधानाचार्य और शिक्षाविद सहित प्रबंधन के सदस्य शामिल हुए.
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लीडरशिप शिखर सम्मेलन के जरिए भारत के लोकप्रिय स्कूलों के अभिनव नेतृत्वकर्ताओं और शिक्षाविदों के रचनात्मक प्रयास को पहचानने और प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया. भारतीय शिक्षा को लेकर सम्मेलन में आए सभी शिक्षाविदों ने अपने अपने विचार रखें. साथ ही शिक्षा को बेहतर बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए भी शिक्षाविदों ने अपने विचार रखें.
लीडरशिप शिखर सम्मेलन का आयोजन वहीं सम्मेलन के माध्यम से जानकारी दी गई कि स्कूल एजुकेशन में बेस्ट प्रैक्टिस क्या है और इसका फ्यूचर क्या है. इस मौके पर शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे कार्य करने वाले 50 से ज्यादा लोगों को सम्मानित किया गया. सम्मेलन के माध्यम से ना केवल प्राइवेट स्कूल बल्कि सरकारी स्कूलों को भी आइडिया दिए गए हैं. सरकारी स्कूलों में शिक्षा में किस तरह से बदलाव किया जा सकता है ताकि बच्चों को सरकारी स्कूलों में भी बेहतर शिक्षा मिल सके.
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विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरुण पाटिल ने बताया कि इस तरह के सम्मेलन से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा. तकनीकी उन्नति और डिजिटल तकनीक के दौर में हो रहे बदलाव से तालमेल स्थापित करना वक्त की जरूरत है. व्यवहारिक और फील्ड आधारित शिक्षण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में रिसर्च के वाणि्ज्यिकरण के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है. रिसर्च को समाज और देश के लिए उपयोगी और फायदेमंद बनाने की भी जरूरत है.
कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत बेस्ट लीडर्स को सम्मानित किया गया. शिक्षाविदों ने कहा कि हमें स्कूली शिक्षा परिदृश्य को वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुसार बनाने की जरूरत है.