राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला, कार दुर्घटना की क्लेम राशि हर्जाना सहित अदा करे बीमा कंपनी

जिला उपभोक्ता आयोग क्रम 2 ने एक मामले की सुनवाई करते हुए बीम कंपनी को कार दुर्घटना की क्लेम राशि हर्जाना सहित अदा करने के निर्देश दिए हैं.

Jaipur District Consumer Commission No 2,  Jaipur District Consumer Commission
जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 21, 2023, 8:18 PM IST

जयपुर.जिला उपभोक्ता आयोग क्रम-2 ने बीमित कार चालक के शराब पीकर वाहन चलाना साबित नहीं होने पर मैसर्स कोटक महिंद्रा जनरल इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिए है कि वह परिवादी को क्लेम राशि 6,89,773 रुपए एक माह में अदा करे. इसके साथ ही आयोग ने इस दौरान परिवादी को हुई परेशानी के लिए बीमा कंपनी को चालीस हजार रुपए अतिरिक्त अदा करने को कहा है.

आयोग ने अपने आदेश में कहा कि बीमा कंपनी ने सही तरीके से साक्ष्य नहीं जुटाए हैं, क्योंकि पुलिस जांच में यह नहीं आया है कि चालक ने शराब पी रखी हो या घटना के वक्त कार में शराब रखी हुई हो. ऐसे में बीमा कंपनी का क्लेम देने से इनकार करना सेवा दोष की श्रेणी में आता है. आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश हिम्मत सिंह शेखावत के परिवाद पर दिए.

पढ़ेंः राजस्थानः रिजर्वेशन टिकट में यात्री को मेल की जगह फीमेल लिखा, उपभोक्ता आयोग ने रेलवे पर लगाया 50 हजार हर्जाना

यह बताया था परिवाद मेंः परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने अपनी कार का विपक्षी बीमा कंपनी से 3 जनवरी 2019 को जीरो डेप्थ इंश्योरेंस करवाया था. इस दौरान 15 दिसंबर 2019 को उसकी कार ड्राइवर चला रहा था. तभी अचानक पुलिस की गाड़ी से उनका एक्सीडेंट हो गया. पुलिस ने वाहन मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और वाहन सुपुर्दगी पर कोर्ट से मिला. परिवादी ने कार की मरम्मत के लिए रोशन मोटर्स का 6,89,773 रुपए का एस्टीमेट दिया, लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने यह कहते हुए क्लेम देने से इनकार कर दिया कि वाहन चलाने के दौरान चालक ने शराब पी रखी थी. विपक्षी बीमा कंपनी की इस कार्रवाई को परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी.

पढ़ेंः लॉक नहीं बदलाने की बात कह किया क्लेम से इनकार, अब देनी होगी 60 हजार रुपए हर्जाने सहित बीमा की राशि

परिवाद में कहा गया कि पुलिस अनुसंधान से साबित है कि न तो कार चालक ने दुर्घटना के समय शराब पी रखी थी और न ही कार में शराब की बोतल रखी थी. ऐसे में परिवादी को बीमा कंपनी से क्लेम राशि और हर्जाना राशि दिलाई जाए. वहीं, बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि घटना के वक्त चालक ने शराब पी रखी थी. ऐसे में बीमा शर्तों के अनुसार क्लेम राशि देने से इनकार किया गया था. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आयोग ने बीमा कंपनी को क्लेम राशि के साथ हर्जाना देने को कहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details