जयपुर. राजधानी जयपुर में अपने साझेदार पर भरोसा करना एक डायमंड व्यापारी को महंगा पड़ गया. उसने उसे बैंक में जमा करवाने के लिए 30 लाख रुपए के दो-दो हजार रुपए के नोट दिए तो उसकी नीयत बिगड़ गई और बैंक में जमा करवाने के बजाए वह यह रकम लेकर भाग गया. बात पुलिस तक पहुंची तो पुलिस ने चार दिन तक पीछा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी के उपचार के लिए रुपए का इंतजाम नहीं कर पाने के चलते इस वारदात को अंजाम देने की बात कुबूल की है. पुलिस ने उसके कब्जे से करीब 29.74 हजार रुपए की राशि बरामद कर ली है. अब उससे पूछताछ कर अनुसंधान किया जा रहा है.
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घर खरीदने के लिए बैंक में जमा करवानी थी रकमःडीसीपी (उत्तर) राशि डोगरा डूडी ने बताया कि 24 मई को घी वालों का रास्ता निवासी दिपेश जैन ने माणक चौक थाने में अपने पार्टनर पंकज त्यागी के खिलाफ 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया था. उसने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वह और पंकज त्यागी साझेदारी में डायमंड और पोलकी ज्वैलरी का काम करते हैं. उसकी मां ने पंकज को एयू बैंक में जमा करवाने के लिए 30 लाख रुपए दिए थे. बैंक में जमा करवाने के बजाए वह 30 लाख रुपए लेकर भाग गया और अमानत में खयानत की. परिवादी दिपेश ने रिपोर्ट में बताया कि उसकी मां और पत्नी ने घर खरीदने के लिए थोड़े-थोड़े कर रुपए इकठ्ठा कर रखे थे और 6 लाख रुपए उसने घर खरीदने के लिए बैंक से लोन लिया था. यह रकम बैंक में जमा करवाने के लिए पंकज को दी थी लेकिन बैंक में जमा करवाने के बजाए वह लेकर भाग गया.
आठ माह पहले नौकरी पर रखा, फिर बना लिया पार्टनरः डीसीपी (नॉर्थ) राशि डोगरा डूडी ने बताया कि इस मामले के अनुसंधान के दौरान पता चला कि परिवादी दिपेश ने करीब आठ महीने पहले ही पंकज त्यागी को घर और दुकान पर काम के लिए नौकरी पर रखा था. बाद में उसने उसे अपना पार्टनर बना लिया. इससे पहले पंकज त्यागी, दिपेश के एक रिश्तेदार के यहां सूरत में काम करता था. उसी से परिचय के आधार पर वह जयपुर आया और उसे दिपेश ने काम पर रख लिया. उसे पहली बार ही इतनी बड़ी रकम देकर किसी काम के लिए भेजा था. वारदात के बाद उसने अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया था.