ERCP मांग रहे 13 जिलों के 3 करोड़ लोगों की आवाज बनेगी 'चंबल की चिट्ठी' जयपुर. राजस्थान के 13 जिलों के लोगों को पीने का पानी और किसानों को सिंचाई का पानी पहुंचाने में महत्वपू्र्ण भूमिका अदा करने में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को अहम प्रोजेक्ट माना जा रहा है. इसे लेकर 13 जिलों के 3 करोड़ लोग इस प्रोजेक्ट को मूर्तरूप देने और इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. अब इन लोगों की मांग को मुखर आवाज देने के लिए डॉक्यूमेंट्री 'चंबल की चिट्ठी' को बुधवार को जयपुर में लांच किया गया.
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पानी नहीं मिला तो वोट नहीं देंगेः इस महत्वपूर्ण मौके पर जलपुरुष के नाम से प्रसिद्ध और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह और अभिनेत्री युविका चौधरी भी मौजूद रही. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति के संयोजक रामनिवास मीणा ने बताया कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के 3 करोड़ लोग आज पानी के गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं. इनकी समस्या का समाधान ERCP से ही हो सकता है. अपनी इस मांग को मुखर करने के लिए गांव-ढाणी में जाकर लोगों को जोड़ा जा रहा है. लोगों को जागरूक करने में डॉक्यूमेंट्री 'चंबल की चिट्ठी' भी अहम भूमिका अदा करेगी. उन्होंने कहा कि 13 जिलों के लोग ERCP की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. अब हमने तय किया है कि अगर हमें पानी नहीं मिलेगा तो हम वोट नहीं देंगे.
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7 को महिलाओं की रैली, 20 से ट्रैक्टर रैलीः रामनिवास मीणा ने बताया कि हमने एक साल पहले यह आंदोलन शुरू किया और इस दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों को आंदोलन से जोड़ने का प्रयास किया. इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार को अपनी मांग से अवगत करवाया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. अब हम अपनी मांग को लेकर आंदोलन तेज करेंगे. आगामी 7 मई को 13 जिलों में महिलाओं की रैली निकाली जाएगी. इसमें महिलाएं सिर पर खाली मटका उल्टा रखकर प्रदर्शन करेंगी और इन मटकों पर ERCP लिखा होगा. इसी तरह 20 मई से 13 जिलों में ट्रैक्टर रैली का आगाज किया जाएगा. इसमें 500 ट्रैक्टर लेकर 13 जिलों में होते हुए यात्रा निकाली जाएगी. जहां-जहां ट्रैक्टर रैली रुकेगी. वहां किसान पंचायत के माध्यम से आमजन को ERCP के मुद्दे को लेकर जागरूक किया जाएगा.
पीएम ने दो बार की थी घोषणाःरामनिवास मीणा ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार अभियान के दौरान राजस्थान में दो जनसभाओं में कहा था कि यदि केंद्र में भाजपा वापस सत्ता में आई तो ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाएगा. अब चार साल बाद भी यह वादा पूरा नहीं हुआ है. एक साल बाद फिर से लोकसभा चुनाव है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों पार्टियां ही राजनीति कर रही हैं. श्रेय लेने के चक्कर में अभी तक इस योजना को अटकाकर रखा गया है.
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हो कामः मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह ने कहा कि चंबल नदी में जो पानी है. उस पर राजस्थान का भी हक है. राजस्थान वालों को पानी मिलना ही चाहिए. मैंने आजीवन सामुदायिक विकेन्द्रीकृत जल प्रबंधन पर काम किया है. जहां हो पानी है उसका समुचित प्रबंधन करके फिर यदि पानी की जरूरत है तो उस पानी का उपयोग करना ही चाहिए. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर दोनों (राज्य और केंद्र) सरकार को अपनी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक नैतिक और न्यायिक काम मानते हुए पूरा करना चाहिए. इसके लिए दोनों को अपनी-अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए. हम जानते हैं कि राजस्थान एक बड़ा राज्य है और वर्षाजल बहुत कम है. कुछ क्षेत्रों में यदि इस पानी की हमें जरूरत है तो जरूर मिलना चाहिए. यह परियोजना राजस्थान के लिहाज से फायदेमंद होगी. चंबल का पानी यदि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को मिलता है तो उससे पैदावार भी बढ़ेगी.