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जयपुर : चाकसू पालिका अध्यक्ष के लिए मतदान रविवार को...भाजपा-कांग्रेस में टक्कर, निर्दलीयों के हाथ सत्ता की चाबी - जयपुर की ताजा खबरें

चाकसू नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए रविवार 20 दिसंबर को मतदान होगा. कस्बे के 35 वार्डों से जीतकर आए पार्षद इसमें भाग लेंगे. पालिका अध्यक्ष के लिए कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर है लेकिन 11 निर्दलीयों के हाथ में सत्ता की चाबी है.

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चाकसू नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए 20 दिसंबर को मतदान...

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Published : Dec 19, 2020, 6:54 PM IST

चाकसू (जयपुर).चाकसू नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए रविवार 20 दिसंबर को मतदान होगा. कस्बे के 35 वार्डों से जीतकर आए पार्षद इसमें भाग लेंगे. किसी भी दल को चुनाव नतीजों में स्पष्ठ बहुमत नहीं मिलने से नगर पालिका की सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथों में है. इस कारण दोनों पार्टियों ने निर्दलीयों को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है. शनिवार को दिनभर निर्दलीयों के खेमों में बदलाव की अफवाह सोशल मीडिया पर हावी रही.

गौरतलब है कि 35 वार्डों में भाजपा-13, कांग्रेस-11 और निर्दलीय 11 सीटों पर पार्षद का चुनाव जीत कर आए हैं. बोर्ड बनाने के लिए बहुमत आंकड़ा 18 पार्षदों का होना जरूरी है. इसके लिए भाजपा को पांच और कांग्रेस को 7 निर्दलीयों की जरूरत है. दो दिन पूर्व भाजपा खेमे से देर रात निर्दलीयों के कांग्रेस में चले जाने से कांग्रेस में खुशी की लहर है. इधर, भाजपा वापस अपने पक्ष में निर्दलीयों को लाने के प्रयास में जुटी है. हालांकि, कांग्रेस खेमे का कहना है कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं और जयपुर से दूर अज्ञात स्थान पर पार्षदों की बाड़बंदी की गई है. वहीं, भाजपा के खेमे के लोगों का कहना है कांग्रेस खेमे के कुछ निर्दलीयों से संपर्क हुआ है. उनके लौटने की संभावना है. इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

कांग्रेस ने मारी थी बाजी...

वर्ष 2015 के चुनाव में भी कुल 25 वार्डों में भाजपा को 10 और कांग्रेस को 8 व निर्दलीयों को 7 सीटें मिली थी, लेकिन अधिक सीटें आने के बावजूद कांग्रेस ने निर्दलीयों के सहारे भाजपा को 1 वोट से पटखनी देकर अपना पालिकाध्यक्ष बनाया था. उस समय कांग्रेस प्रत्याशी अनिता गुर्जर को 13 मत और भाजपा प्रत्याशी दीपिका शर्मा को 12 मत मिले थे.

क्रॉस वोटिंग का सता रहा है डर

दोनों ही पार्टियों को मतदान के दौरान क्रॉस वोटिंग का डर भी सता रहा है. दोनों पार्टियों ने अब तक मेहनत भी बहुत की है और निर्दलीयों को अपने पक्ष में करने के लिए खर्चा भी किया है. लेकिन, मतदान के दिन पार्टी के पार्षदों की ओर से भी क्रॉस वोटिंग की संभावना को देखते हुए दोनों दल फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं और बहुमत के आंकड़े से भी ज्यादा पार्षदों की संख्या करने में जुटे हैं, ताकि एक-दो क्रॉस भी हो जाए तो बहुमत के आंकड़े पर असर नहीं पड़े.

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