जयपुर.प्लास्टिक पर्यावरण के लिए कितना नुकसानदायक है, ये किसी से छुपा हुआ नहीं। इसी को मद्देनजर रखते हुए बीते साल 1 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक को देश में पूरी तरह बैन कर दिया था. बावजूद इसके 1 साल बाद भी राजधानी जयपुर में प्लास्टिक कैरी बैग की धड़ल्ले से खपत हो रही है. नकेल कसने के लिए नगरीय निकाय कैरिंग चार्ज जरूर वसूल रहे हैं. लेकिन ये कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है. आलम ये है कि शहर में कुछ जगह क्लॉथ बैग्स वेंडिंग मशीन भी लगाई गई. लेकिन इनमें से कुछ जगहों पर ताला जड़ा शोपीस बनकर रह गई हैं.
प्लास्टिक से होने वाली परेशानियों को जनसामान्य के बीच उजागर करने और लोगों को इसके कम से कम इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर साल 3 जुलाई को इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे मनाया जाता है. 2010 में इसकी शुरुआत हुई. इसे देश की मुहिम बनाने के उद्देश्य से बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई को सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह बैन कर दिया. जिसके बाद देश भर की विभिन्न नगरीय निकायों ने अपने-अपने स्तर पर प्रयास किए. कहीं प्लास्टिक कैरी बैग बनाने वाली फैक्ट्रियों पर नकेल कसी गई तो कहीं बाजारों में कैरिंग चार्ज वसूलने की कार्रवाई शुरू हुई. राजधानी जयपुर की नगरीय निकाय भी इसमें पीछे नहीं रहे. ग्रेटर नगर निगम की अगर बात करें तो यहां टास्क फोर्स का गठन करते हुए बीते 1 साल में करीब 1 हजार 870 चालान काटे गए. साथ ही 498 किलो प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक को जब्त करते हुए 8 लाख 69 हजार रुपए की जुर्माना राशि वसूल की गई. इसी तरह हैरिटेज नगर निगम में बीते 5 महीनों में ही 1 हजार 50 किलो पॉलिथीन और करीब 409 किलो प्लास्टिक जब्त करते हुए 24 लाख 19 हजार कैरिंग चार्ज वसूला गया.
वहीं राजधानी में जगह-जगह क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन भी लगाई गई. जिसमें ₹5 से लेकर ₹10 का सिक्का डालने या फिर मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर कपड़े का थैला लिया जा सकता है. इन वेंडिंग मशीनों की जमीनी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत उन स्थानों पर पहुंचा, जहां ये क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन लगी हैं. इनमें हैरिटेज नगर निगम क्षेत्र में बड़ी चौपड़ पर लगी वेंडिंग मशीन वर्किंग ऑर्डर में मिली. जिसमें से ईटीवी भारत की टीम ने भी ₹10 का सिक्का मशीन में डालकर एक कैरी बैग लिया. यहां मौजूद फुटकर व्यापारियों ने भी बताया कि निगम की नियमित कार्रवाई हो रही है, ऐसे में वे लोग अब प्लास्टिक कैरी बैग रखने से तौबा करने लगे हैं. हालांकि कुछ दुकानदार अभी भी अपने सामान को पॉलिथीन कैरी बैग में देते हुए नजर आए.