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Reality Check : बैन के बाद भी धड़ल्ले से यूज हो रहा है प्लास्टिक बैग, मंडी के क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन पर लगा है ताला - राजस्थान में इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे 2023

इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे प्रति वर्ष 3 जुलाई को मनाया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके उद्देश्य को हासिल करने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक बैग को पूरी तरह से देश में 1 जुलाई 2022 से बैन कर दिया था. आइए अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री दिवस 2023 पर जानते हैं पॉलिथीन बैन का असर...

प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा है पॉलिथीन का यूज
प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा है पॉलिथीन का यूज

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Published : Jul 3, 2023, 7:02 AM IST

Updated : Jul 3, 2023, 9:01 AM IST

बैन के बाद भी पॉलिथीन का यूज हो रहा है खुलेआम

जयपुर.प्लास्टिक पर्यावरण के लिए कितना नुकसानदायक है, ये किसी से छुपा हुआ नहीं। इसी को मद्देनजर रखते हुए बीते साल 1 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक को देश में पूरी तरह बैन कर दिया था. बावजूद इसके 1 साल बाद भी राजधानी जयपुर में प्लास्टिक कैरी बैग की धड़ल्ले से खपत हो रही है. नकेल कसने के लिए नगरीय निकाय कैरिंग चार्ज जरूर वसूल रहे हैं. लेकिन ये कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है. आलम ये है कि शहर में कुछ जगह क्लॉथ बैग्स वेंडिंग मशीन भी लगाई गई. लेकिन इनमें से कुछ जगहों पर ताला जड़ा शोपीस बनकर रह गई हैं.

प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा है पॉलिथीन का यूज

प्लास्टिक से होने वाली परेशानियों को जनसामान्य के बीच उजागर करने और लोगों को इसके कम से कम इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर साल 3 जुलाई को इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे मनाया जाता है. 2010 में इसकी शुरुआत हुई. इसे देश की मुहिम बनाने के उद्देश्य से बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई को सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह बैन कर दिया. जिसके बाद देश भर की विभिन्न नगरीय निकायों ने अपने-अपने स्तर पर प्रयास किए. कहीं प्लास्टिक कैरी बैग बनाने वाली फैक्ट्रियों पर नकेल कसी गई तो कहीं बाजारों में कैरिंग चार्ज वसूलने की कार्रवाई शुरू हुई. राजधानी जयपुर की नगरीय निकाय भी इसमें पीछे नहीं रहे. ग्रेटर नगर निगम की अगर बात करें तो यहां टास्क फोर्स का गठन करते हुए बीते 1 साल में करीब 1 हजार 870 चालान काटे गए. साथ ही 498 किलो प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक को जब्त करते हुए 8 लाख 69 हजार रुपए की जुर्माना राशि वसूल की गई. इसी तरह हैरिटेज नगर निगम में बीते 5 महीनों में ही 1 हजार 50 किलो पॉलिथीन और करीब 409 किलो प्लास्टिक जब्त करते हुए 24 लाख 19 हजार कैरिंग चार्ज वसूला गया.

क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन

वहीं राजधानी में जगह-जगह क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन भी लगाई गई. जिसमें ₹5 से लेकर ₹10 का सिक्का डालने या फिर मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर कपड़े का थैला लिया जा सकता है. इन वेंडिंग मशीनों की जमीनी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत उन स्थानों पर पहुंचा, जहां ये क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन लगी हैं. इनमें हैरिटेज नगर निगम क्षेत्र में बड़ी चौपड़ पर लगी वेंडिंग मशीन वर्किंग ऑर्डर में मिली. जिसमें से ईटीवी भारत की टीम ने भी ₹10 का सिक्का मशीन में डालकर एक कैरी बैग लिया. यहां मौजूद फुटकर व्यापारियों ने भी बताया कि निगम की नियमित कार्रवाई हो रही है, ऐसे में वे लोग अब प्लास्टिक कैरी बैग रखने से तौबा करने लगे हैं. हालांकि कुछ दुकानदार अभी भी अपने सामान को पॉलिथीन कैरी बैग में देते हुए नजर आए.

क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन से बैग निकालते जागरूक नागरिक

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उधर, राजधानी में कुछ स्थान ऐसे हैं जहां धड़ल्ले से प्लास्टिक कैरी बैग की खपत हो रही है. इनमें सबसे प्रमुख है यहां की फल-सब्जी मंडियां. यहां क्लॉथ बैग की जरूरत को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने वेंडिंग मशीन भी लगाई गई. लेकिन ग्रेटर नगर निगम के लाल कोठी सब्जी मंडी में लगी क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन पर ताला लगा है. जो अब सिर्फ शोपीस बन कर रह गई है. जबकि इसी सब्जी मंडी में बड़ी संख्या में शहरवासी सब्जी विक्रेताओं से पॉलिथीन में सब्जी लेते नजर आए. हालांकि कुछ जागरूक लोग अपने घर से कपड़े का थैला भी लेकर सब्जी मंडी पहुंचे और थैला भर जाने के बाद यहां लगी एक प्राइवेट कंपनी की क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन से थैला भी लिया. इन्हीं में से एक ने बताया कि निगम की मशीन पर ताला लगा है. इसलिए प्राइवेट कंपनी की मशीन को इस्तेमाल किया. वहीं एक अन्य ने कहा कि लोगों को खुद जागरूक होना होगा, तभी सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाम लग सकती है.

बहरहाल, सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने वाले लोग पर्यावरण संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं. जो लोग अभी भी प्लास्टिक कैरी बैग इस्तेमाल कर रहे हैं, उनसे ईटीवी भारत यही अपील करता है कि वो पेपर या कपड़े से बनने वाले थैले का इस्तेमाल करें और पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाएं. साथ ही प्रशासन को भी अब सख्त रुख अख्तियार करने की दरकार है.

Last Updated : Jul 3, 2023, 9:01 AM IST

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