राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

International Museum Day 2023 : 6 साल बाद भी नहीं संवारा जा सका विरासत संग्रहालय, एक बग्गी और दो कठपुतली बढ़ा रहे शोभा, पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट

गुलाबी नगरी की धरोहर में शामिल 'स्कूल ऑफ आर्ट्स' उर्फ 'मदरसा ए हुनरी' का 2017 में करोड़ों रुपए खर्च कर कंजर्वेशन किया गया. साथ ही 'विरासत संग्रहालय' का नाम दिया गया. लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद भी अब तक ये संग्रहालय का रूप नहीं ले पाया है. आलम ये है कि विरासत सामग्री के नाम पर यहां सिर्फ एक लकड़ी की बग्गी और दो विशालकाय कठपुतली के अलावा और कुछ नहीं है.

International Museum Day 2023
International Museum Day 2023

By

Published : May 18, 2023, 7:15 AM IST

इंटरनेशनल म्यूजियम दिवस पर देखिए विरासत संग्रहालय का हाल

जयपुर. विश्व विरासत में शुमार जयपुर का परकोटा अपने स्थापत्य कला और संस्कृति के लिए दुनिया भर में अपना स्थान रखता है. यहां के कलाकारों की कला ने भी विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ी है. इन्हीं कलाकारों को जयपुर के राजा सवाई रामसिंह द्वितीय ने 1857 में एक छत के नीचे लाने का काम करते हुए कलाकारों के लिए 'मदरसा ए हुनरी' की शुरूआत की. फिर 1862 में ये अजब वस्तुओं के संग्रहालय के रूप में विकसित हो गया. इतिहासकार देवेंद्र कुमार भगत के अनुसार पुराने लोगों की मान्यताओं में इसे अजायबघर बोला जाता था. यहां कारीगरों को बुलाकर ब्रास, मेटल, तांबे की छोटी-छोटी मूर्तियां बनाकर उनकी एग्जीबिशन लगाई जाती थी. पूरे देश में इसकी मान्यता थी. बाद में ये जगह कम पड़ने लगी. 1876 में वेल्स के प्रिंस ने वर्तमान अल्बर्ट हॉल की नींव रखी और इसके निर्माण होने पर संग्रहालय को शिफ्ट किया गया.

उन्होंने बताया कि बाद में अजबघर स्कूल ऑफ आर्ट्स में तब्दील हुआ और 2017 में इसका कंजर्वेशन करते हुए विरासत संग्रहालय का नाम दिया गया. लेकिन वर्तमान में इस संग्रहालय की शोभा सिर्फ एक पुरानी लकड़ी की बग्गी और विक्की भट्ट की ओर से बनाई गई दो विशालकाय कठपुतलियां ही बढ़ा रही हैं. ऐसे में यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को सिर्फ भवन का आर्किटेक्ट देख कर संतोष करना पड़ता है.

आर्कियोलॉजी और म्यूजियम डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. महेंद्र खडगावत ने बताया कि 2017 में राज्य सरकार ने इस भवन को विरासत संग्रहालय के रूप में बदलने का फैसला लिया. विरासत संग्रहालय में कंजर्वेशन का काम हो चुका है. वहां स्टाफ भी नियुक्त है. जल्द ही उसे म्यूजियम के रूप में डवेलप करने का काम किया जाएगा. फिलहाल वहां पहुंचने वाले पर्यटक सिर्फ आर्किटेक्ट ही देख पाते हैं. वर्तमान में कठपुतली और बग्गी के अलावा कोई एडिशनल चीज नहीं रखी गई है.

डॉ. खडगावत ने बताया कि विरासत संग्रहालय पहुंचने वाले टूरिस्ट के सामने पार्किंग की बड़ी समस्या रहेगी. कोशिश यही है कि रामनिवास बाग पार्किंग फेस टू का काम पूरा होने के बाद, वहां गाड़ी पार्क कर ई रिक्शा के जरिए विरासत संग्रहालय तक पहुंचाने की व्यवस्था करने की प्लानिंग है. उन्होंने कहा कि अगर आज विरासत संग्रहालय को शुरू कर दिया जाता है तो रोड जाम हो जाएगी. दूसरा पर्यटक को कुछ नया देने की प्लानिंग है, जो दूसरे म्यूजियम में ना मिलता हो. सरकार इस पर काम कर रही है. जल्द यहां कुछ नया देखने को मिलेगा.

पढ़ें: Special: अपना घर आश्रम की अत्याधुनिक रसोई, 2 घंटे में तैयार हो सकता है 25 हजार लोगों का भोजन

बहरहाल, राजधानी में विरासत संग्रहालय को तो संवारना बाकी है ही इसके साथ अब यहां सवाई मानसिंह टाउन हॉल में भी एक संग्रहालय बनाया जा रहा है. जिसकी शुरुआत अगले महीने होनी है. वहीं स्टोर में रखी पुरा सामग्री को विरासत संग्रहालय में रखने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा लाइव क्राफ्ट म्यूजियम का प्रपोजल भी पाइप लाइन में है.

वर्ल्ड म्यूजियम डे पर ये होगा खास : वर्ल्ड म्यूजियम डे के मौके पर ललित कला अकादमी से जुड़े आर्टिस्ट पुरातत्व विभाग के संग्रहालयों पर अपनी पेंटिंग्स का प्रदर्शन करेंगे और उसे यदि कोई पर्यटक खरीदता है, तो बिक्री की पूरी राशि संबंधित कलाकार को ही दी जाएगी. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ये हवा महल में शुरू किया गया था. जहां कलाकारों को फायदा भी हुआ और अब वर्ल्ड म्यूजियम डे के मौके पर अल्बर्ट हॉल में भी इसकी शुरुआत की जा रही है. इसके साथ ही पर्यटकों का तिलक लगाकर फूलों से स्वागत किया जाएगा और सुबह-शाम शहनाई की व्यवस्था भी की गई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details