जयपुर. राजधानी में बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम ने अभियान चलाया है. इसके तहत बंदरों को पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया जाएगा. हेरिटेज नगर निगम (Jaipur Heritage Municipal Corporation) ने ये काम एक प्राइवेट कंपनी को दिया है. ये कंपनी बंदरों को पकड़ तो जरुर रही है, लेकिन उन्हें जंगलों में तुरंत छोड़ने के बजाय कई दिनों तक सलाखों के पीछे रख रही है. इस दौरान निगम प्रशासन का अमानवीय चेहरा नजर (Inhuman Treatment From Monkeys in Jaipur) आया. दरअसल, पकड़े गए करीब 100 बंदरों को 10 दिन से पिंजरों में कैद रखा है. आलम ये है कि कुछ पिंजरों में 5 से 7 बंदर कैद हैं.
छोटे-छोटे पिंजरे में कैद कई बंदर चोटिल: जयपुर के दबाव खाना में छोटे-छोटे पिंजरे में कैद कई बंदर चोटिल भी हैं. उनके चेहरों पर घाव के निशान साफ तौर पर देखे जा सकते हैं. मंगलवार को ईटीवी भारत की टीम दबाव खाना पहुंची. यहां छोटे-छोटे पिंजरे में सैकड़ों बंदर कैद नजर आये. कुछ पिंजरों में तो 5 से 7 बंदर कैद हैं, जो एक पिंजरे में ठीक से बैठ तक नहीं पा रहे. साथ ही इन्हें पर्याप्त खाने-पीने को दिया जा रहा है, जिसकी वजह से बंदर भूखे, कमजोर हो गए हैं. वहीं, पिंजरों में बंद बंदरों की देखभाल नहीं होने से यहां वन्य जीव प्रेमियों और स्थानीय लोगों में भी आक्रोश दिखा.