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इंदिरा रसोई संचालकों पर फर्जी कूपन काटने का आरोप, 32 संस्थाओं पर कार्रवाई

गरीबों को सस्ता और गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध कराने के इरादे से राजस्थान सरकार ने इंदिरा रसोई शुरू की गई थी. परंतु इसके संचालक ही घोटाला करने से बाज नहीं आ रहे है. हालांकि विभाग ने इन संचालकों के खिलाफ चालान काटा है. अब देखना है कि इसका असर आगामी दिनों में कितना पड़ता है.

इंदिरा रसोइयों पर फर्जी कूपन काटने का खेल
इंदिरा रसोइयों पर फर्जी कूपन काटने का खेल

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Published : May 11, 2023, 6:38 AM IST

जयपुर.कोई भूखा ना सोए इस सपने के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में इंदिरा रसोइ का संचालन शुरू किया था. इसी को मद्देनजर रखते हुए शहरों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंदरा रसोई शुरू करने की तैयारी की जा रही है. लेकिन इन्हीं में से कुछ संस्थाएं भूखों की बजाय खुद का पेट भर रही है. इंदिरा रसोइयों में रोज नए-नए भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं. कहीं फोटो से फोटो खींचकर फर्जी कूपन काटकर जेब भरी जा रही है. तो कहीं मोबाइल नंबर एंट्री नहीं करने के मामले सामने आए. स्वायत्त शासन विभाग की आईटी टीम की जांच में ये घोटाले सामने आए. जिसके बाद 32 संस्थाओं पर 80 लाख पेनल्टी और लाइसेंस निरस्त करते हुए ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की गई है. जबकि 297 से ज्यादा रसोईयों पर मोबाइल नंबर एंट्री नहीं करने के कारण 5 लाख का जुर्माना किया गया है.

इंदिरा रसोई संचालकों ने अपने लालच के आगे गरीब की थाली को भी नहीं छोड़ा. ज्यादा से ज्यादा अनुदान की राशि लेने के लिए संस्थाएं फर्जी कूपन काट रही है. यही नहीं खाने की स्लिप काटते समय मोबाइल नंबर भी दर्ज नहीं कर रही है. बीते कुछ समय से स्वायत्त शासन विभाग के पास इस तरह की शिकायतें लगातार मिल रही थी. जिसको देखते हुए विभाग की आईटी टीम ने सघन जांच की. जांच के दौरान तथ्य मिलने के बाद फर्जी कूपन काटने वाली 32 संचालकों को चिह्नित करते हुए 101 रसोइयों के खिलाफ कार्रवाई की गई. इन रसोई संचालकों के लाइसेंस निरस्त करते हुए इन्हें ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है. इसके अलावे उनपर 80 लाख की पेनल्टी भी लगाई गई है. इसके अलावा खाने की स्लिप पर मोबाइल नंबर दर्ज नहीं करने वाली 297 इंदिरा रसोइयों पर 5 लाख 61 हजार 500 रूपए का जुर्माना लगाया गया है.

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बहरहाल, प्रदेशभर में संचालित इन इंदिरा रसोइयों पर आए दिन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, नगरीय निकायों के प्रमुख और प्रशासनिक अधिकारी भोजन की गुणवत्ता जांचने के लिए पहुंचते हैं. भोजन की गुणवत्ता को लेकर तो फिलहाल कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई लेकिन इन रसोइयों पर फर्जी कूपन काटने के घोटाले जरूर सामने आए हैं. जो मुख्यमंत्री गहलोत की इस महत्वाकांक्षी योजना की मिट्टी पलीद कर रही है.

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