जयपुर.आज गुरुवार को भारतीय अंगदान दिवस 2023 के रूप में पूरे देश में मनाया जा रहा है. इस मौके पर लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने के मकसद से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. अंगदान से जुड़ी संस्थाओं के मुताबिक हमारे देश में हर साल लाख 80 हजार के करीब किडनी फेल होने के सामने आते हैं, पर जागरूकता की कमी के कारण किडनी ट्रांसप्लांट के आंकड़े 5 से 6 हज़ार तक ही सीमित है. इसी तरह से नेत्रदान को लेकर जानी-मानी शख्सियत प्रचार प्रसार कर रही है, लेकिन देश के आंकड़े बताते हैं की मृत्यु के पश्चात नेत्रदान करने वालों की संख्या भी 10 फ़ीसदी से कम है.
अंगदान की मुहिम से जुड़े और जागरूकता कार्यक्रम करने वाले संगठन बताते हैं कि आज भी प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए लोगों में बड़े पैमाने पर अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने की जरूरत है. ब्रेन डेड होने पर जब अंगदान के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है, तो परिजनों में फैली भ्रांतियां सामने आती है. जिससे जाहिर होता है कि जागरूकता की कमी है. इसके अलावा अस्पतालों में डेडिकेटेड स्टाफ की कमी और डोनर मैचिंग का नहीं होना भी इस क्षेत्र के बुनियादी विकास में बाधा के रूप में सामने आ रहा है.
अब तक 190 लोगों को मिला जीवन : प्रदेश में अंगदान को लेकर बुनियादी सुविधाएं शुरू किए जाने के बाद अब तक 190 लोगों को नई जिंदगी मिली है. इसके लिए 52 डोनर मिले, जिनसे 97 किडनी ट्रांसप्लांट, 46 लीवर के ट्रांसप्लांट, 28 हार्ट ट्रांसप्लांट, लंग्स के चार और पेनक्रियाज के एक प्रत्यारोपण किए गए, वही 12 लोगों को कॉर्निया और दो लोगों को हार्ट में वाल्व लगाया गया। इन सबके बावजूद अभी भी गुर्दे के प्रत्यारोपण के लिए 454 लोग प्रतीक्षा में हैं, तो लीवर ट्रांसप्लांट की कतार में 116 लोगों का इंतजार है। इसी तरह से लंग्स के लिए 20 और पेनक्रियाज के लिए तीन लोग वेटिंग में है.