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जयपुर: भारतीय किसान संघ ने मनाई बलराम जयंती, कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की - Balaram Jayanti Bhartiya Kisan Sangh Jaipur

भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को बलराम जयंती धूमधाम से मनाई. इस दौरान सांगानेर तहसील के कार्यकर्ताओं ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जोतड़ावाला गौशाला परिसर स्थित बलराम मंदिर में ध्वजा चढ़ाई और भगवान बलराम से प्रार्थना की.

Balaram Jayanti Bhartiya Kisan Sangh Jaipur
भारतीय किसान संघ ने मनाई बलराम जयंती

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Published : Aug 26, 2020, 4:52 AM IST

जयपुर. भारतीय किसान संघ की ओर से बलराम जयंती धूमधाम से मनाई गई. सांगानेर तहसील के कार्यकर्ताओं ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जोतड़ावाला गौशाला परिसर स्थित बलराम मंदिर में ध्वजा चढ़ाई और भगवान बलराम से प्रार्थना की. भारतवर्ष को कोरोना जैसी महामारी से मुक्त करें और भारत के किसानों को धन-धान्य से संपन्न करें ताकि देश अन्न भंडारण से विश्व में अव्वल रहे.

भारतीय किसान संघ ने मनाई बलराम जयंती

भारतीय किसान संघ ने हर वर्ष की भांति निकाले जाने वाली शोभा यात्रा को भी स्थगित कर दिया. केवल 5 कार्यकर्ता ही पद यात्रा में शामिल हुए. मुहाना ग्राम की गुरु महाराज की बगीची से ध्वजा के साथ पदयात्रा करते हुए, जो जोतड़ावाला गौशाला स्थित बलराम मंदिर पहुंचे. जयपुर जिले के सभी तहसीलों में बलराम जयंती का कार्यक्रम घर-घर मनाया गया.

बता दें कि भगवान बलराम किसानों के आराध्य देवता माने जाते हैं. किसान भगवान बलराम को कृषि देवता के रूप में माने जाते हैं. भारतीय किसान संघ के सदस्यता युक्त परिवारों के सदस्यों ने बलराम जयंती मनाते हुए सेल्फी भी भेजी है. कृषि देवता भगवान बलराम वासुदेव- रेवती के पुत्र शेष अवतार हलदर, बलभद्र, संकर्षण आदि नामों से भी जाने जाते हैं. दुर्योधन और भीम के गुरु, कृषि यंत्रों, बीजों, सिंचाई साधनों, नूतन कृषि तकनीक का विकास, हल और मूसल को धारण किए दुष्ट दलन में भगवान श्रीकृष्ण के साथ रहे.

पढ़ें-भारतीय किसान संघ ने की प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात, रखी ये मांग

संघ के प्रवक्ता राजीव दीक्षित ने बताया कि भारतीय किसान संघ भारत के किसानों को आत्मनिर्भर, सम्मानित और अधिकार संपन्न देखना चाहता है. इसलिए भगवान बलराम को भारतीय किसान संघ के प्रतीक के रूप में माना गया. भगवान बलराम केवल परंपरागत खेती की अवधारणा पर चलने वाले नहीं थे, उन्होंने खेती के प्रकार, खेती के साधन और सिंचाई के साधनों का विकास किया.

दीक्षित ने बताया कि भगवान बलराम भारतवर्ष को सौभाग्यशाली, समृद्धशाली और फलता फूलता राष्ट्र बनाना चाहते थे. वे किसानों को विकसित खेती करने और धन-धान्य से परिपूर्ण होकर हमें वैभव संपन्न जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं.

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