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No Bag Day : स्कूलों में पहले पढ़ाया गया संविधान का पाठ, फिर हुईं खेलकूद गतिविधियां - Rajasthan Hindi news

'नो बैग डे' के दिन शनिवार को राजधानी के विभिन्न सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की ओर से संविधान की जानकारी देते हुए उद्देशिका और मूल कर्तव्य को समझाते हुए पाठन कराया गया. छात्रों में भी इस नई गतिविधि को लेकर खासा उत्साह नजर आया.

No Bag Day
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Published : Jul 15, 2023, 7:18 PM IST

स्कूलों में पहले पढ़ाया गया संविधान का पाठ

जयपुर.प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शनिवार को 'नो बैग डे' के दिन संविधान में अंकित उद्देशिका और मौलिक कर्तव्यों का पाठन कराया गया. शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेशों के अनुपालना में पहले प्रार्थना सभा और फिर कक्षाओं में छात्रों को मौका देते हुए पाठन करवाया गया. इसके बाद स्कूलों में तीसरे शनिवार को लेकर पूर्व में शेड्यूल्ड खेलकूद गतिविधियां कराई गईं. लक्ष्य है कि 15 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम में छात्र सामूहिक रूप से संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्य को बोलें.

स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह की तैयारी : इस संबंध में स्कूल व्याख्याता ललित किशोर शर्मा ने बताया कि संविधान में अंकित उद्देशिका और मौलिक कर्तव्य का अर्थ छात्रों को आसान भाषा में समझाया गया, ताकि छात्र उनकी पालना करते हुए अच्छे नागरिक बनें. वरिष्ठ अध्यापक राजेंद्र पारीक ने बताया कि इस बार 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह के साथ-साथ संविधान की उद्देशिका और मौलिक कर्तव्य को छात्रों की ओर से सामूहिक बुलवाने का कार्यक्रम रखा जाएगा. इसकी तैयारी आज से शुरू कर दी गई है.

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बता दें कि बीते दिनों मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले के बाद स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में संविधान का पाठ पढ़ाने के क्रम में आदेश जारी किए गए थे. शिक्षा विभाग की ओर से सभी सरकारी स्कूलों को संविधान की उद्देशिका और मौलिक कर्तव्य लिखे शीट/बोर्ड उपलब्ध कराए जाएंगे. इन्हें स्कूलों में उचित स्थान पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं.

छात्रों को क्रमवार पाठन करवाने के निर्देश : छात्रों की नियमित तैयारी के लिए शनिवार को 'नो बैग डे' के दिन पहले प्रार्थना सभा में और फिर अलग-अलग कक्षाओं में छात्रों को क्रमवार इसका पाठन करवाने के लिए निर्देशित किया है. साथ ही ये स्पष्ट किया है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा छात्रों को पाठन करने का मौका मिले. इसके साथ ही भविष्य में प्रकाशित होने वाली पाठ्य पुस्तकों में भी संविधान की उद्देशिका और मौलिक कर्तव्य को स्थान देने का फैसला लिया गया है.

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