जयपुर. आयकर कर्मियों ने प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को काले मास्क, प्ले कार्ड के साथ ही काले झंडे दिखाकर विरोध जताया. डीपीसी की मांग को लेकर जयपुर समेत पूरे प्रदेश के आयकर कार्यालयों पर भी प्रदर्शन किया गया.
डीपीसी की मांग को लेकर आयकर विभाग के कर्मचारियों का प्रदर्शन इनकम टैक्स एंप्लाइज फेडरेशन राजस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र मीणा ने बताया कि प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त के नकारात्मक रवैये के कारण काफी समय से रेगुलर डीपीसी नहीं हो पा रही है. बार-बार प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त से निवेदन करने के बावजूद प्रशासन ने रेग्युलर डीपीसी नहीं की.
आयकर कर्मचारियों को मजबूरन आंदोलन की राह पर चलना पड़ रहा है. 26 फरवरी, 2020 को काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया था. इसके बाद 4 मार्च को भोजन अवकाश में प्रशासन के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया गया.
यह आंदोलन 23 मार्च तक चला इसके बाद कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन होने से आंदोलन स्थगित कर दिया गया था. वहीं, कार्यालय खुलने पर फिर से प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त से डीपीसी के लिए निवेदन किया गया. लेकिन प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त की हठधर्मीता के कारण आंदोलन करने का निर्णय किया गया है.
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आयकर कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 3 वर्षों से जॉइंट काउंसलिंग ऑफ एक्शन अपनी समस्याओं को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर मंडल नई दिल्ली के सामने रख रहा है. लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा. इसके विरोध में आयकर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया है.
आयकर विभाग में सवर्ण पुनर्गठन 2018 को किया जाना था. लेकिन आज तक रिपोर्ट को संपादित करने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गई. इनकम टैक्स इंस्पेक्टरों को लैपटॉप देने, ओवर टाइम अलाउंस देने और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने समेत 10 सूत्री मांगे हैं, जो लंबे समय से की जा रही है. लेकिन अभी तक कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.
इसके साथ ही कर्मचारियों ने बताया कि आयकर विभाग में भर्ती वर्ष 2015-16 से लगातार सहायक आयुक्त के पद पर पदोन्नति तदर्थ आधार पर की जा रही है. लंबे समय से चली आ रही इस तदर्थ पदोन्नति के कारण से ऐसी पदोन्नति पाने वाले अधिकारी का भविष्य अंधकार में हो चला है. इन पदों पर पदोन्नति को नियमित किया जाए.