राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

अलविदा 2020 : राजस्थान ने कोरोना से यूं लड़ी 'जंग'...विख्यात हो गए भीलवाड़ा और रामगंज मॉडल

साल 2020 कोरोना के नाम रहा. साल की शुरुआत के दूसरे महीने में ही दुनिया में एक शब्द ऐसा था जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जा रहा था. यह शब्द था कोरोना. साल 2020 कोरोना संक्रमण से 'जंग' में ही बीत गया. इस लड़ाई में राजस्थान ने न केवल सीना तानकर चुनौतियों का सामना किया, बल्कि दुनिया को भीलवाड़ा और रामगंज जैसे मॉडल देकर कोरोना से लड़ना सिखाया. देखिये यह खास रिपोर्ट...

2020 corona infection news,  Corona Bhilwara Model Rajasthan,  Corona Ramganj Model Rajasthan,  Corona Transition, Mission Lisa Ramganj,  Big events of the year 2020,  Hotspot Center Bhilwara Rajasthan,  Hotspot Center Ramganj Jaipur
कोरोना से जंग में मॉडल बने भीलवाड़ा और रामगंज

By

Published : Dec 21, 2020, 4:27 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कोरोना की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग ने दिन रात एक कर दिए. मार्च से शुरू हुई कोरोना से जंग अभी भी जारी है. राजस्थान के नजरिये से बात की जाए तो कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में जिन मॉडल की चर्चा देशभर में रही, वे थे भीलवाड़ा मॉडल और रामगंज मॉडल.

अलविदा 2020 : कोरोना से जंग में विख्यात हो गए भीलवाड़ा और रामगंज मॉडल

दरअसल, प्रदेश में जब कोविड-19 के मामले सामने आने लगे तो सबसे पहले हॉट स्पॉट सेंटर भीलवाड़ा में बना. सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती भी भीलवाड़ा जिला ही बना. इसके अलावा राजधानी जयपुर के रामगंज क्षेत्र में भी सबसे अधिक संख्या में मामले देखने को मिले थे. प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा हॉट स्पॉट सेंटर रामगंज बना था.

पढ़ें-Exclusive : राजस्थान में कोरोना के 'अंत' का काउंटडाउन शुरू! यहां रखी जाएंगी 10 लाख वैक्सीन

भीलवाड़ा मॉडल इस तरह हुआ विख्यात...

कोरोना से जंग के शुरुआती दौर को याद करते हुए राजस्थान के पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर डॉक्टर केके शर्मा कहते हैं कि जब भीलवाड़ा में सबसे अधिक संक्रमित मामले सामने आने लगे, तो चिकित्सा विभाग के लिए यह एक चुनौती बन गई. इस दौरान भीलवाड़ा में जाकर मोर्चा संभाला. जब भीलवाड़ा में संक्रमित मामलों की संख्या एकदम से अधिक होने लगी तो सबसे पहले स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर पूरे भीलवाड़ा में लॉकडाउन लगाया गया.

राजस्थान के इन मॉडल की चर्चा देशभर में हुई

स्थानीय लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई. इसके बाद चिकित्सकों की एक टीम तैयार करके घर-घर जाकर लोगों की सैंपलिंग की गई. पूरा प्रशासन और चिकित्सा महकमा एक दूसरे के संपर्क में रहा. जिसके बाद ही भीलवाड़ा में संक्रमित मामलों पर अंकुश लगाया जा सका. इस मॉडल की सराहना पूरे देश में की गई थी.

पढ़ें-राजस्थान : जयपुर में 'कोवैक्सीन' के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू

रामगंज मॉडल यानी कड़ी चुनौतियां, मिशन लिसा से पाया काबू ...

प्रदेश में दूसरा सबसे बड़ा हॉट स्पॉट सेंटर बना जयपुर का रामगंज इलाका. मुस्लिम आबादी के लिहाज से इस बड़े इलाके में एक के बाद एक काफी तादाद में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे. सरकार ने मिशन लिसा शुरू किया. गया इस मिशन के तहत रामगंज क्षेत्र में हाई रिस्क ग्रुप के लोगों की पहचान का काम चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को दिया गया.

रामगंज को सीज़ कर चलाया गया मिशन लिसा...

जिसके तहत 60 साल से ज्यादा उम्र के डायबिटिक, हार्ट पेशेंट, टीबी और कैंसर रोगी, गर्भवती महिलाओं और दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों को चिन्हित कर उनकी स्क्रीनिंग का काम शुरू किया गया. इसके अलावा आयुष्मान भारत, महात्मा गांधी बीमा योजना, पेंशन योजनाओं से जुड़े लोगों का डाटा तैयार किया गया. जिन लोगों का संक्रमण की चपेट में आने का खतरा ज्यादा था, प्रशासन ने उन्हें ही टारगेट किया और इस तरह पूरे रामगंज को सील करके घर-घर स्क्रीनिंग कर हॉट स्पॉट रामगंज में कोरोना पर काबू पा लिया.

पढ़ें-जयपुर: मुस्लिम बेटियों की अनूठी पहल, रामगंज बाजार में बांटे मास्क और सैनिटाइजर

सरकार की ओर से उठाए गए कदम...

प्रदेश सरकार ने कोरोना को गंभीरता से लिया. कई मामलों में पूरे देश को लीड करने का काम किया. राजस्थान संपूर्ण लॉकडाउन लागू करने वाले अग्रणी राज्यों में शुमार था. प्रदेश सरकार ने समय रहते एहतियात के कारगकर कदम उठाए और आज तक कोरोना से जंग जारी है.

  • शुरुआती दौर में राजस्थान में कोरोना जांच की सुविधा नहीं थी, सैंपण पुणे भिजवाए जाते थे. अब प्रदेश में 50 लैब में हो रही है कोरोना जांच.
  • जयपुर के आरयूएचएस, जयपुरिया और ईएसआई अस्पताल को कोविड-19 डेडीकेटेड हॉस्पिटल में तब्दील किया गया.
  • कोरोना पॉजिटिव मरीजों को निशुल्क प्लाज्मा उपलब्ध कराया गया.
  • प्रदेश में 11345 ऑक्सीजन बेड, 3194 आईसीयू बेड और 1867 वेंटिलेटर तैयार किए गए.
  • वर्तमान में 40000 से अधिक लोगों की सैंपलिंग का काम चिकित्सा विभाग द्वारा किया जा रहा है.
  • कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए सरकारी अस्पताल में रेमडेसीविर इंजेक्शन निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है.

कुल मिलाकर, कोरोना से यह जंग अभी भी जारी है. साल 2020 मुकम्मल होने को है और 2021 की आहट सुनाई दे रही है. ऐसे में उम्मीद यही कि नए साल में हम न केवल कोरोना संक्रमण पर जीत दर्ज कर लेंगे बल्कि स्वास्थ्य के क्षेत्र की नई चुनौतियों से पार पाने में भी अधिक सक्षम होकर उभरेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details