जयपुर.SMS अस्पताल हो या जयपुरिया, कांवटिया हो या गणगौरी, जयपुर के लगभग सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में पार्किंग के नाम पर मरीज और उनके परिजनों से वसूली की जाती है. हालांकि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जांचें और दवाइयां नि:शुल्क मिलती है. लेकिन अधिकतर अस्पतालों में पार्किंग को ठेके पर देकर वहां पहुंचने वाले लोगों से 10 से 50 रुपए की वसूली की जाती है.
सरकारी अस्पतालों में दवाएं और जांच फ्री तो पार्किंग शुल्क क्यों, नगर निगम में उठा मुद्दा - नगर निगम की लाइसेंस समिति चेयरमैन लक्ष्मण मोरानी
राजधानी के सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क दवा और जांच की सुविधा मौजूद है. लेकिन यहां पहुंचने वाले मरीज और उनके परिजनों को गाड़ी पार्क करने पर ही अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है. शहर के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में 10 से 50 रुपए तक पार्किंग शुल्क लिया जाता है. ऐसे में नगर निगम की लाइसेंस समिति के चेयरमैन ने सरकार से पार्किंग नि:शुल्क करने का नियम लागू करने की मांग की. साथ ही 15 दिन में फैसला नहीं किए जाने पर अनशन पर बैठने की चेतावनी दी.
इस संबंध में निगम लाइसेंस समिति चेयरमैन लक्ष्मण मोरानी ने सरकारी अस्पतालों में पार्किंग निशुल्क होने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकारी दवाएं और जांच सरकार की ओर से मुफ्त दी जा रही हैं, तो पार्किंग भी मुफ्त करनी चाहिए. पहले सरकारी अस्पतालों में ये नियम लागू हो और फिर निजी अस्पतालों से भी ये वसूली का खेल खत्म हो. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में दवा से ज्यादा पार्किंग में पैसा खर्च हो जाता है और सुनवाई नहीं होती. मोरानी ने सरकार से 15 दिन में फैसला देने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर अनशन पर बैठने की चेतावनी दी.
बीते दिनों जयपुर की स्थाई लोक अदालत में भी s.m.s. अस्पताल में नि:शुल्क पार्किंग सुविधा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसमें s.m.s. अस्पताल को पार्किंग शुल्क से मुक्त करने के आदेश दिए गए थे. बावजूद इसके s.m.s. सहित दूसरे सरकारी अस्पतालों में ठेकेदारों की ओर से ये अवैध वसूली का खेल चल रहा है.