जयपुर. देश में विभिन्न पर्वों की तारीखों को लेकर मतभेद होते रहते हैं. इस बार होली पर भी इसी तरह कि असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है. इसे लेकर ज्योतिषाचार्यों के भी अलग-अलग मत हैं. हालांकि उन्होंने ये स्पष्ट कर दिया है कि धुलण्डी का कोई मुहूर्त नहीं होता. ये विरोधाभास केवल होलिका दहन को लेकर है.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य डॉ मनोज गुप्ता का कहना है कि इस बार होली को लेकर असमंजस की स्थिति है. फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन गोधूलि बेला यानी प्रदोष काल का होलिका दहन का मुहूर्त है. इस बार 6 मार्च को भद्रा रहेगी. लेकिन ये भद्रा रात्रि के बाद आगे तक जा रही है. इसलिए प्रदोष काल में होलिका दहन किया जा सकता है. आधी रात के बाद ब्रह्म मुहूर्त में भी होलिका दहन का मुहूर्त रहेगा. लेकिन उस वक्त ना तो प्रदोष काल होगा और ना ही गोधूलि बेला होगी. इसलिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 6 मार्च को शाम के समय ही है. जो शास्त्र सम्मत है.
पढ़ें:HOLI 2023: ज्योतिषाचार्य राजेश जी महाराज से जानिए होली और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
6 मार्च को शाम को या 7 मार्च को सुबह के समय ही होलिका दहन का मुहूर्त है. ऐसे में धुलण्डी का पर्व 7 मार्च को ही मनाया जाना उचित है. इसमें 24 घंटे का अंतराल तार्किक नहीं है. कुछ लोगों ने अपने मत के अनुसार रात को 12 बजे तारीख बदलने की बात कही है. इसलिए उन्होंने 7 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त दिया है. लेकिन उन्होंने ये नहीं देखा कि 7 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में है.