जयपुर. ज्योतिष के साथ आधुनिकता का समावेश रखने वाले गुलाबी शहर (Hillary Clinton Jaipur Visit) के जंतर-मंतर को 12 साल पहले विश्व विरासत का खिताब मिला था. यूनेस्को ने 31 जुलाई 2010 को जंतर मंतर को विश्व विरासत की सूची में शामिल किया था. जंतर-मंतर में यूनेस्को से मिले तमगे के बाद कई बदलाव भी आ चुके हैं, लेकिन इससे इसकी विरासत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. यही वजह है कि हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक इसको निहारने के लिए पहुंचते हैं.
बीते 12 सालों में यहां तकरीबन 90 लाख से ज्यादा सैलानी पहुंच चुके हैं. वहीं, हाल ही में यहां पहुंची अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन ने जंतर-मंतर की यंत्रों की कार्यप्रणाली के साथ इतिहास से संबंधित पंचांग और राशिफल के बारे में जानकारी ली थी. उन्होंने विजिटर्स बुक के कमेंट सेक्शन में 'Magnificent! True UNESCO treasure' लिखा. हिलेरी इससे पहले भी 2018 में यहां विजिट कर चुकी हैं.
धरोहर में ये आए बदलाव, फिर भी कायम विरासत :
व्याख्यान केन्द्र – पर्यटकों को 8 मिनट के हिन्दी और अंग्रेजी में ऑडियो-वीडियो के जरिए पूरे जंतर-मंतर को दिखाया जाता है. साथ रही जंतर-मंतर के इतिहास से लेकर वर्तमान की गाथा एक ही जगह बैठकर देख सकते है. यंत्रों की कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी दी जाती है.
यंत्र म्यूजियम - जंतर-मंतर में एक म्यूजियम बनाया गया है. इसमें जंतर-मंतर के सभी यंत्रों के मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं.