जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर स्थित राजस्व मंडल सदस्यों और पैरवी के लिए सरकारी वकीलों के पद नहीं भरने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने सरकार को शीतकालीन अवकाश के बाद अपना जवाब पेश करने को कहा है.
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश बार कौंसिल के सदस्य कपिल प्रकाश माथुर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. जनहित याचिका में कहा गया कि राजस्व मंडल में राजस्व मुकदमों की सुनवाई के लिए चैयरमेन के अलावा बीस सदस्यों के पद स्वीकृत हैं. इसमें से दो पद न्यायिक कोटे के होने के चलते वकीलों से भरे जाते हैं.
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वहीं, सरकारी वकीलों के 13 पद स्वीकृत हैं. इसके बावजूद वर्तमान में सिर्फ 12 सदस्य ही काम रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले साक्षात्कार बोर्ड ने गत जुलाई माह में न्यायिक कोटे के पदों के लिए वकीलों के साक्षात्कार भी ले लिए हैं. लेकिन अब तक नियुक्तियां नहीं दी गई हैं.
दूसरी ओर सरकार बदलने के बाद सभी सरकारी वकीलों को हटा दिया गया. वहीं, बाद में सिर्फ छह वकीलों को नियुक्ति दी गई. ऐसे में सरकारी वकीलों के 7 पद खाली चल रहे हैं. जिसके चलते राजस्व मंडल में मुकदमों की भरमार हो रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.