जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की राजस्व अदालतों में दशकों से लंबित चल रहे मुकदमों का निस्तारण नहीं होने को गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट ने सभी राजस्व अदालतों को निर्देश दिए हैं कि वह पांच से दस साल पुराने मामलों को अलग कैटेगिरी में रखकर उनका जल्दी निस्तारण किया जाए. वहीं ऐसे मामलों की पहचान के लिए उन्हें अलग रंग के कवर में रखा जाए. अदालत ने सभी राजस्व अधिकारियों को कहा है कि वह आर्डर शीट को कर्मचारियों के भरोसे न छोड़कर स्वयं अपने हाथ से लिखे. इसके अलावा हर माल लंबित मामलो की जानकारी संबंधित जिला कलेक्टर को भेजी जाए. जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश विशंभर दयाल व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह सभी संभागीय मुख्यालय पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को शामिल करते हुए एरियर्स रिव्यू कमेटी बनाए और जिला कलेक्टर लंबित प्रकरणों के आंकडे इस कमेटी के समक्ष भेजे. अदालत ने मुख्य सचिव को कहा है कि वह आदेश की पालना रिपोर्ट छह माह में अदालत में पेश करे.