जयपुर. राजस्थान की पाकिस्तान से लगती सीमा पर अब पड़ोसी देश के तस्करों की नापाक नजर है. युवाओं की नसों में जहर घोलने वाले नशे और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए बार्डर के उस पार बैठे तस्कर लगातार ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं. यही कारण है कि पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राजस्थान के इलाकों में तस्करी की वारदातों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. पाकिस्तान की ओर से जिन मादक पदार्थों की तस्करी इन दिनों सबसे ज्यादा हो रही है. उनमें हेरोइन सबसे प्रमुख है. इसका बड़ा कारण यह है कि यह काफी महंगा नशा है और इसकी तस्करी में मुनाफा ज्यादा है. इस साल की ही अगर बात करें तो सबसे ज्यादा हेरोइन की तस्करी के मामले सामने आए हैं. हालांकि, बीएसएफ और पुलिस की चौकन्नी नजर हमेशा रहती है. लेकिन फिर भी मौके का फायदा उठाकर तस्कर कई बार पुलिस और एजेंसियों को चकमा देकर वारदात को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं.
वहीं, अगर इस साल के आंकड़ों की बात करें तो अब तक 30 किलो हेरोइन पुलिस और सीआईडी सीबी की टीम जब्त कर चुके हैं. इसके अलावा बीएसएफ द्वारा कार्रवाई कर भी नशे की खेप पकड़ी गई है. सीआईडी सीबी और पुलिस ने जो 30 किलो हेरोइन इस साल जब्त की है. वह बहुत ही उच्च गुणवत्ता की बताई जा रही है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह हेरोइन पांच करोड़ रुपए प्रति किलो तक बिकती है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में बैठे नशे के सौदागर पहले पंजाब के रास्ते भारत में हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी करते थे. हाल ही के दिनों में जब पंजाब में सख्ती की गई तो इन तस्करों ने राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है.
प्रदेश में बढ़ी हेरोइन की खपत, पंजाब, कश्मीर भी जा रही : पुलिस और सीआईडी सीबी ने सीमावर्ती इलाकों में कार्रवाई कर हाल ही में कई तस्करों को गिरफ्तार किया है. जिनका नेटवर्क काफी फैला हुआ है. उनसे पूछताछ में सामने आया है कि मादक पदार्थ हेरोइन की खपत कुछ समय से राजस्थान के युवाओं के बीच तेजी से बढ़ी है. इसके साथ ही सीमापार से तस्करी से जो हेरोइन आ रही है. वह राजस्थान से होते हुए पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर तक पहुंचाई जा रही है. स्थानीय स्तर पर तस्करी की हेरोइन खपाने के लिए तस्करों का एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा है. इसके साथ ही बड़े पैमाने पर हेरोइन अन्य राज्यों में भी सप्लाई की जा रही है.
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रिश्तेदारियों की आड़ में तस्करी को बढ़ावा : सीमापार से आ रही नशीली खेप को पकड़कर तस्करों को हवालात पहुंचाने में पुलिस मुख्यालय की सीआईडी सीबी ने काफी मुस्तैदी से काम किया है. सीआईडी सीबी के डीआईजी राहुल प्रकाश बताते हैं कि अभी तक पड़ताल में सामने आया है कि नशीला पदार्थ हेरोइन राजस्थान की सीमाओं पर पाकिस्तान से तस्करी के रास्ते भेजा जा रहा है. सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले दोनों तरफ के लोग मोबाइल पर आपस में संपर्क में रहते हैं. तस्करी को बढ़ावा मिलने का एक बड़ा कारण दोनों तरफ के लोगों की आपसी रिश्तेदारियां भी हैं. एक-दूसरे के यहां शादी और अन्य कार्यक्रमों में आने-जाने के दौरान जो संपर्क बनते हैं वो आगे जाकर व्यावसायिक संबंध में बदल जाते हैं और मादक पदार्थों के तस्कर इनका उपयोग तस्करी की वारदातों को बढ़ावा देने में करते हैं. कई लोग खुद हेरोइन की तस्करी में लिप्त रहते हैं और कई लोग इन तस्करों के लिए डिलीवरी का काम करते हैं.
समय और जगह मोबाइल पर होता है तय : उनका कहना है कि मोबाइल पर बात कर हेरोइन के सप्लायर और खेप लेने वाले समय और जगह तय कर लेते हैं. निर्धारित स्थान और तय समय पर हेरोइन की खेप की डिलीवरी की जाती है. कई बार सीमा पर कंटीले तारों के ऊपर से फेंककर खेप की सप्लाई की जाती है. कई मामलों में यह भी सामने आया है कि सीमा के उस पर बैठे सप्लायर की इस तरफ बैठे तस्कर से पहले ही बातचीत और सौदा तय हो जाता है. इसका भुगतान भी हवाला के जरिए पहले ही कर दिया जाता है. फिर डिलीवरी लेने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को भेजा जाता है और खेप मिलने पर उसे प्रति किलो 50 हजार से एक लाख रुपए तक भुगतान किया जाता है.
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