बढ़ सकती है मेयर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें जयपुर.हेरिटेज नगर निगम में चल रहे विवाद में अब एक नया ट्विस्ट आ गया है. अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाकर महापौर और पार्षद एडिशनल कमिश्नर को बर्खास्त करने की मांग को लेकर धरने पर डटे हुए हैं. एडिशनल कमिश्नर के साथ हुई अभद्रता का वीडियोसामने आने के बाद मेयर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आरएएस एसोसिएशन के बाद अब डॉ. अंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी-कर्मचारी एसोसिएशन ने एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा के साथ हुई अभद्रता पर नाराजगी जताई है और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग रखी है.
महापौर और पार्षदों के धरने पांचवें दिन मंगलवार को करीब 25 पार्षद और उनके प्रतिनिधि धरनास्थल पर मौजूद रहे. इस दौरान महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि अंतिम सांस तक लड़ेंगे, क्योंकि यहां बात जनता, जनता के काम और स्वाभिमान की है. महापौर ने सोमवार को एडिशनल कमिश्नर के साथ कमिश्नर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बाढ़ नियंत्रण से जुड़ी फाइल को 3 दिन आगे बढ़ा दिया गया. इस पर कमिश्नर को संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन वो खुद उदयपुर चले गए. यहां बारिश में शहर की स्थिति बिगड़ रही है.
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पार्षदों को धमकी दे रहे एडिशनल कमिश्नर : उन्होंने आरोप लगाया कि एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने बाढ़ नियंत्रण वाली फाइल को 3 दिन आगे बढ़ा दिया है. बीट से जुड़ी फाइल को 15 दिन तक अटकाए रखा और इस पर वो मंत्रियों का नाम ले रहे हैं. ऐसे में कहीं न कहीं राजेंद्र वर्मा कांग्रेस के नेताओं की छवि को धूमिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले अधिकारी निगम में नहीं चाहिए. राजेंद्र वर्मा के साथ अभद्रता का वीडियो सामने आने को लेकर महापौर ने आरोप लगाया कि राजेंद्र वर्मा महापौर की कुर्सी पर बैठकर कहते हैं कि निगम वो चलाएंगे. सभी पार्षदों को धमकी दे रहे हैं.
उदयपुर से लौटे कमिश्नर राजेंद्र सिंह शेखावत ने सफाई देते हुए कहा कि उपापन समिति बनी हुई है, जिसके अध्यक्ष एडिशनल कमिश्नर हैं. कमिश्नर पद पर ज्वाइन करने से पहले बीट को लेकर टेंडर हुए थे, जिसकी फाइल एडिशनल कमिश्नर के पास गई थी. उपापन समिति को भी इस विषय में फैसला लेना था, इसमें जबरदस्ती तो बतौर कमिश्नर वो भी साइन नहीं करवा सकते. एडिशनल कमिश्नर के पास कोई शिकायत आई, जिसके आधार पर उन्होंने ये फैसला लिया. इसके बारे में खुद एडिशनल कमिश्नर ही बता सकते हैं.
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कोई काम रुका हुआ नहीं है : उन्होंने दावा किया कि जहां तक मानसून से जुड़े कार्यों का सवाल है, इसके टेंडर पहले ही जारी हो चुके हैं. इसमें जो ठेकेदार काम नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ एक्शन के लिए एक्सईएन को कहा जा चुका है. इससे जुड़ी व्यवस्थाओं और सामान के लिए सारी मशीनरी, मड पंप, कंट्रोल रूम और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के काम किए जा चुके हैं. साथ ही मिट्टी के कट्टे भरने का काम शुरू कर दिया गया है. एक मिट्टी के कट्टों से जुड़े टेंडर की 3 दिन डेट जरूर बढ़ाई गई, उसका क्या कारण है इसका पता लगाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि इसकी वजह से कोई काम रुका हुआ नहीं है. मुख्यालय छोड़कर जाने के संबंध में उन्होंने एलएसजी सेक्रेटरी से परमिशन लेने का दावा किया.
इससे पहले सोमवार को बीजेपी के पार्षद भी हेरिटेज निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे. यहां पार्षदों ने महापौर के चेंबर का ताला लगाने की भी कोशिश की. पार्षद सुभाष व्यास ने कहा कि जब सरकार कांग्रेस की है, बोर्ड, मंत्री, मंत्रालय सब उनका फिर अधिकारी से इस तरह महापौर का वार्ता करना और शहर की सरकार का सारे कामकाज छोड़कर धरने पर बैठना कहां से उचित है. बारिश के बीच शहर की जनता को कांग्रेस के पार्षद क्या मैसेज देना चाहते हैं.
मुनेश गुर्जर ने इस्तीफा स्वेच्छा से दिया :से बीजेपी पार्षद रवि प्रकाश ने कहा कि जब इसी तरह का कृत्य ग्रेटर नगर निगम में हुआ तो कांग्रेस सरकार ने महापौर और पार्षदों को बर्खास्त कर दिया. जब यहां महापौर और पार्षद इस्तीफे देकर बैठे हैं तो उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया. पार्षद रेखा राठौड़ ने कहा कि मुनेश गुर्जर से किसी ने इस्तीफा मांगा नहीं, उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है. इसके बाद भी वो सरकारी प्रॉपर्टी का इस्तेमाल क्यों कर रही हैं.