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तीन संतान होने पर पंचायत चुनाव नहीं लड़ने का कानून जनहित के खिलाफ, मैं इसका विरोधी: हेमाराम चौधरी

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Published : Nov 28, 2019, 9:50 PM IST

संविधान दिवस के 70 साल पूरे होने पर विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया. जहां बाड़मेर के गुडामालानी से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने सदन में समानता के अधिकार के मुद्दे को उठाया और कहा कि पंचायत के चुनाव में तीन संतान वालों को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है. लेकिन सांसद और विधायकों पर यह कानून लागू नहीं है. ऐसे में बराबर का हक कहां मिल रहा है.

विधायक हेमाराम चौधरी,  MLA Hemaram Choudhary
तीन संतान होने पर पंचायत चुनाव नहीं लड़ने का कानून जनहित के खिलाफ

जयपुर.संविधान दिवस के 70 साल पूरे होने पर विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया. इस विशेष सत्र में संविधान पर चर्चा के अलावा बाकी मुद्दे भी गूंजते रहे. बाड़मेर के गुड़ामालानी से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने सदन में समानता के अधिकार के मुद्दे को उठाया और कहा कि पंचायत के चुनाव में तीन संतान वालों को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है. लेकिन सांसद और विधायकों पर यह कानून लागू नहीं है. ऐसे में बराबर का हक कहां मिल रहा है.

तीन संतान होने पर पंचायत चुनाव नहीं लड़ने का कानून जनहित के खिलाफ

हेमाराम चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार में यह नियम बनाया गया था कि जिन लोगों के तीन संतान होगी वह पंचायत चुनाव नहीं लड़े सकेगा. साथ ही पंचायत चुनाव लड़ने के लिए 10वीं पास होना जरूरी है. हमारी सरकार ने आकर एक कानून को तो समाप्त कर दिया, लेकिन दूसरे कानून को वापस नहीं लिया.

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हेमाराम चौधरी ने कहा कि यह कानून जनसंख्या नियंत्रण के लिए लाए गए थे. लेकिन इस पर विचार नहीं हुआ. जब से इसे लागू किया है इससे जनसंख्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. हेमाराम चौधरी ने कहा कि अगर जनसंख्या पर नियंत्रण करना ही है तो सबसे पहले सांसदों और विधायकों पर यह कानून लागू हो.

उन्होंने कहा कि यह कानून जो बनाया गया है संविधान के विपरीत है. संविधान में कहीं भी नहीं लिखा कि पंचायती राज चुनाव और स्वायत्तशासी संस्था में चुनाव लड़ने के लिए तीसरी संतान होने पर वह चुनाव नहीं लड़ सकता. चौधरी ने कहा कि मैं इस कानून का घोर विरोधी हूं. मैंने सीएम और सदन का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह मामला उठाया है. यह कानून संविधान के विरुद्ध है और इसे हटाया जाना चाहिए.

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