जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने यमुना नदी के जल बंटवारे को लेकर केंद्रीय जल आयोग से 6 सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश यशवर्धन सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रकरण की डीपीआर बनाकर केंद्रीय जल आयोग को भेजी जा चुकी है. वहीं जल आयोग की ओर से एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने नहर से पानी देने से इनकार कर दिया है. ऐसे में भूमिगत पाइप लाइन डालने पर विचार किया जा रहा है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
याचिका में कहा गया है कि वर्ष 1994 में नदी के पानी के बंटवारे को लेकर हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल और राजस्थान के बीच समझौता हुआ था. इसके तहत 1.19 क्यूबिक पानी प्रदेश को मिलना था. यह पानी हरियाणा के ताजेवाला हैड से आना था, लेकिन चूरू और झुंझुनू के लिए पाइप लाइन डालने का काम पूरा नहीं हुआ.