जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एमसीआई, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, मुख्य सचिव, प्रमुख सामाजिक न्याय सचिव और नीट भर्ती बोर्ड को नोटिस जारी कर पूछा है कि नीट यूजी में एमबीसी वर्ग को दिया 4 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण क्यों ना रद्द कर दिया जाए. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश दीपांशु खन्ना व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता पाराशर नारायण शर्मा ने अदालत को बताया कि नीट पीजी और यूजी की अधिसूचना नवंबर 2018 में जारी की गई थी.
वहीं एमबीसी को 5 फीसदी आरक्षण की अधिसूचना फरवरी 2019 में निकाली गई. ऐसे में नीट की अधिसूचना जारी करते समय एमबीसी वर्ग का केवल 1 फीसदी आरक्षण ही अस्तित्व में था। याचिका में कहा गया कि गत 2 अप्रैल को हाईकोर्ट ने नीट पीजी से जुड़े अभिषेक व्यास के मामले में आदेश दिए थे कि एमबीसी को बैक डेट से 5 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता.