जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 से जुड़े मामले में संविदारत नर्सिंग कर्मचारी को गलत अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर नियुक्ति से वंचित करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक, संयुक्त निदेशक अजमेर मंडल व टोंक सीएमएचओ सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश प्रदीप कुमार चोपदार की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2013 से टोंक में जीएनएम के पद पर संविदाकर्मी के तौर पर काम कर रहा है. राज्य सरकार ने गत 5 मई को नर्सिंग ऑफिसर की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया. जिसमें एकेडमिक अंकों व अनुभव के अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन करने का प्रावधान किया गया. याचिकाकर्ता ने भर्ती में एससी वर्ग में आवेदन किया. वहीं टोंक सीएमएचओ ऑफिस की ओर से याचिकाकर्ता को 29 मई को अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया गया, लेकिन इसमें याचिकाकर्ता को जीएनएम की बजाय सीएचओ बता दिया गया.
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