जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने फार्मासिस्ट भर्ती 2023 में नियमों की अनदेखी कर सिर्फ डिप्लोमा व बोनस अंकों को चयन का आधार बनाने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और राजस्थान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के निदेशक से जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश दीपश्री व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने संबंधित अधिकारियों से पूछा है कि क्यों ना भर्ती विज्ञापन की इस शर्त को रद्द कर दिया जाए.
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि कार्मिक विभाग ने 23 मई, 2022 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम, 1965 में संशोधन कर प्रावधान किया कि फार्मासिस्ट भर्ती लिखित परीक्षा के आधार पर होगी. हालांकि एक भर्ती शैक्षणिक व डिप्लोमा में प्राप्त अंकों व अनुभव के आधार पर दिए जाने वाले बोनस अंकों के आधार पर की जाएगी.
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याचिका में कहा गया कि विभाग ने 11 नवंबर, 2022 को फार्मासिस्ट भर्ती के लिए आवेदन मांगे. जिसमें कार्मिक विभाग की अधिसूचना के तहत चयन का आधार तय किया गया. वहीं बाद में इस भर्ती को निरस्त कर दिया गया और गत 5 मई को नए सिरे से भर्ती विज्ञापन जारी किया गया. जिसमें प्रावधान किया गया कि डिप्लोमा में मिले अंकों का 70 फीसदी और अनुभव के आधार पर मिलने वाले बोनस अंकों को जोडकर मेरिट सूची जारी की जाएगी. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि भर्ती विज्ञापन सेवा नियमों में निर्धारित चयन प्रक्रिया के विपरीत नहीं हो सकते हैं.
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जब सेवा नियमों में 12वीं कक्षा के अंक और डिप्लोमा में मिले अंकों के साथ बोनस अंकों के आधार पर मेरिट बनाने का प्रावधान है तो भर्ती में चयन का आधार डिप्लोमा व बोनस अंक ही कैसे रखे जा सकते हैं. निरस्त की गई भर्ती में नियमों के तहत चयन प्रक्रिया तय की गई थी, लेकिन नई भर्ती में व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए चयन के प्रावधान ही बदल दिए गए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.