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सिंघानिया यूनिवर्सिटी बताए किस प्रावधान के तहत दे रही है बीपीएड की डिग्री

सिंघानिया विश्वविद्यालय की ओर से बीपीएड की डिग्री देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस देकर जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 12, 2023, 4:40 PM IST

Updated : Dec 12, 2023, 10:56 PM IST

बीपीएड की डिग्री पर हाईकोर्ट ने पूछे सवाल

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझुनूं की सिंघानिया यूनिवर्सिटी की ओर से दी जाने वाली बीपीएड की डिग्री पर सवाल उठाया है. अदालत ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से शपथपत्र पेश कर बताने को कहा है कि क्या सिंघानिया विश्वविद्यालय अधिनियम विवि को विद्यार्थियों को बीपीएड की डिग्री देने की अनुमति देता है? और यदि विश्वविद्यालय के अधिनियम के तहत विवि को यह डिग्री देने का अधिकार नहीं है, तो विवि प्रशासन किस आधार पर यह डिग्री दे रहा है. ऐसा होने पर क्यों ना उससे छात्रों के लिए मुआवजा वसूला जाए.

इसके अलावा अदालत में मामले में राज्य सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस गणेश राम मीणा ने यह आदेश संगीता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से बीपीएड की डिग्री उत्तीर्ण की थी. इसके बाद उसने पीटीआई भर्ती 2018 में आवेदन किया था.

पढ़ें:राजस्थान : NMC सिंघानिया यूनिवर्सिटी झुंझुनू को लेकर सख्त, MBBS सीटों पर प्रवेश अमान्य

परीक्षा में सफल होने के बाद राज्य सरकार ने उसे यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी कि एनसीटीई सिंघानिया विश्वविद्यालय की इस बीपीएड की डिग्री को मान्यता नहीं देता है. सुनवाई के दौरान अदालत ने विश्वविद्यालय का अधिनियम देखकर कहा कि एनसीटीई की मान्यता तो अलग बात है, विश्वविद्यालय के पास सिंघानिया विश्वविद्यालय अधिनियम-2007 के शेड्यूल के तहत भी बीपीएड की डिग्री जारी करने का कोई अधिकार नहीं है. क्योंकि इस शेड्यूल में बीपीएड डिग्री का नाम ही नहीं है. विवि इस शेड्यूल में अंकित कोर्स ही संचालित कर सकता है.

Last Updated : Dec 12, 2023, 10:56 PM IST

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