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Rajasthan High Court: साक्षात्कार के बाद एकेडमिक के अंक जोड़ना सही, अन्य मुद्दों पर एकलपीठ करे निर्णय - राजस्थान हाईकोर्ट

विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में साक्षात्कार के बाद एकेडमिक अंक जोड़ने की प्रक्रिया को राजस्थान हाईकोर्ट ने सही माना है.

HC on academic marks added after interview, upholds decision of single bench
Rajasthan High Court: साक्षात्कार के बाद एकेडमिक के अंक जोड़ना सही, अन्य मुद्दों पर एकलपीठ करे निर्णय

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Published : May 20, 2023, 7:46 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सा अधिकारी, सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी और सहायक मत्स्य विकास अधिकारी भर्ती में आरपीएससी की ओर से अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के बाद एकेडमिक अंक जोड़ने की प्रक्रिया को सही मानते हुए एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने अंतिम उत्तर कुंजी और कट ऑफ जारी किए बिना परिणाम जारी करने सहित अन्य बिंदुओं पर सुनवाई के लिए मामला वापस एकलपीठ में भेज दिया है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश आरपीएससी की ओर से दायर अपील को निर्णित करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हम एकलपीठ के इस निष्कर्ष से सहमत नहीं है कि आरपीएससी ने बिना वेटेज अंक जोड़े अभ्यर्थियों को नियमों के विपरीत साक्षात्कार के लिए बुला लिया. ऐसे में एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जा रहा है. आरपीएससी की ओर से अधिवक्ता एमएफ बेग ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने वर्ष 2019 में पशु चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य भर्तियां आयोजित की थी. जिसमें स्क्रीनिंग परीक्षा के 40 फीसदी अंक, 20 फीसदी एकेडमिक के अंक और 40 फीसदी साक्षात्कार के अंक जोड़कर मेरिट बनाने का प्रावधान किया गया.

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भर्ती साक्षात्कार के जरिए होने के चलते स्क्रीनिंग परीक्षा सिर्फ अभ्यर्थियों को शॉर्ट लिस्ट करने के लिए ही की गई थी. ऐसे में स्क्रीनिंग परीक्षा के अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था. वहीं मामला एकलपीठ के समक्ष चला गया और एकलपीठ ने 8 मार्च, 2022 को भर्ती का परिणाम रद्द कर स्क्रीनिंग परीक्षा में एकेडमिक के अंक जोड़कर पात्र अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के आदेश दे दिए. अपील में कहा गया कि आयोग ने भर्ती में निष्पक्षता रखने के लिए इस प्रक्रिया का पालना किया है और आयोग को अधिकार है कि वह शॉर्ट लिस्टिंग के लिए अपने स्तर पर पद्धति तैयार करे.

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इसके अलावा यह न तो भर्ती नियमों के खिलाफ है और ना ही भर्ती विज्ञापन में बताई चयन प्रक्रिया के विरुद्ध है. आयोग पूर्व की भर्तियों में भी इसी तरह से चयन करता रहा है. वहीं अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया कि बिना एकेडमिक अंकों को जोड़े अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाने से इन अंकों का कोई महत्व नहीं रह जाएगा और आयोग का मेद्यावी अभ्यर्थियों का चयन करने का उद्देश्य समाप्त हो जाएगा. ऐसे में एकलपीठ का आदेश सही है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने एकेडमिक के अंकों को जोड़कर साक्षात्कार के लिए बुलाने के एकलपीठ के आदेश को रद्द करते हुए अन्य बिंदुओं पर सुनवाई के लिए मामले को पुनः एकलपीठ में भेज दिया है.

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