देहरादूनः पूरे विश्व में जहां लिंगानुपात चिंता का विषय बना हुआ हैं वहीं उत्तराखंड का एक जिला से हैरान करने वाली ऐसी खबर आई है ,जिस जिले को गंगा मां की जन्मस्थली कहा जाता है. उत्तरकाशी में 133 गांव ऐसे हैं, जहां पिछले कुछ महिनों में सिर्फ बेटों का ही जन्म हुआ है. जांच में खबर यदि सही पाई जाती है तो यह साफ़ हो जायेगा की उत्तराखंड में बेटियों की बलि दी जा रही है. ये बात कोई मनगढंत कहानी नहीं , बल्कि खुद सरकार के विभाग द्वारा जारी आकडे़ है. आशंका है कि गांवों में कन्या भ्रूण हत्या जैसे घनौने काम को अंजाम दिया जा रहा है .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान बेअसर नजर आ रहा है. गौरतलब है कि जिले के 133 गांवों में पिछले 3 माह में 216 बच्चों ने जन्म लिया है, लेकिन हैरत की बात ये है कि सभी जगह अस्पतालों में लड़कों ने ही जन्म लिया है. 216 बच्चों में एक भी बेटी का जन्म नहीं हुआ है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ विभाग और प्रदेश के मुखिया सीएम ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं जांच से पहले महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा है की इस पूरी घटना में कुछ तो दाल में काला है, जिसका खुलासा जांच के बाद ही होगा.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन महीने में उत्तराकाशी जिले के 133 गांवों में 216 नवजात में एक भी बालिका ने जन्म नहीं लिया.ये है उत्तरकाशी के विभिन्न ब्लॉकों में जिले में लिंगानुपात की स्थिति
डुंडा ब्लाक के 27 गांव में 51 बच्चों ने जन्म लिया जिनमें सभी लड़के हैं.
भटवारी ब्लॉक के 27 गांव में 49 बच्चों ने जन्म लिया और उनमें भी सभी लड़के हैं.
नौगांव ब्लॉक के 28 गांव में 45 बच्चों ने जन्म लिया जिनमें सभी लड़के हैं.
मोरी ब्लॉक के 20 गांव में 29 बच्चों ने जन्म लिया और ये भी सभी बच्चे लड़के पैदा हुए.
चिन्यालीसौड़ के 16 गांव में 23 बच्चे पैदा हुए और ये भी सभी लड़के पैदा हुए हैं.
पुरोला ब्लॉक के 14 गांव में 17 बच्चे पैदा हुए और ये भी सभी लड़के हैं.
आंकड़े चौंकाने वाले हैं, लिहाजा शासन-प्रशासन में हड़कप मचना लाजमी है. बात मुख्यमंत्री तक पहुंची तो वो भी हैरान हो गए. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी माना की ऐसा संभव नहीं है और इस मामले की गहनता से जांच जरूरी है. साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वसन दिया कि अगर इस में किसी भी तरह की लापरवाही या आपराधिक गतिविधी पायी जाती है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी.
जानकारों के मुताबिक उत्तरकाशी में जो तस्वीर सामने आई है उससे सरकार के अभियान का लोगों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है.
उत्तराखंड की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने इस मामले को काफी गंभीर माना है और इसकी जांच कराने की बात कही है. रेखा आर्य ने कहा कि सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं का परीक्षण कराया जाना जरूरी है.ये प्रकृति के साथ खिलवाड़ है .अगर कोई दोषी है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.