जयपुर. सरकारी नौकरियों और शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में गुर्जर समुदाय आंदोलन कर रहा है. राजस्थान में दिन प्रतिदिन गुर्जर आंदोलन तेज होता जा रहा है. गुर्जर आंदोलन के चौथे दिन 21 ट्रेनें रद्द कर दी गई है, 26 को परिवर्तित मार्ग से चलाया गया है. कल यानि रविवार को धौलपुर में हिंसा की खबर सामने आई, जहां पुलिस के वाहनों को आगे के हवाले कर दिया गया. गुर्जरों की चेतावनी के संभावना है कि आज सिकंदराबाद और आगरा हाईवे को गुर्जर जाम कर सकते है. धौलपुर और करौली जिले में धारा 144 लगा दी है. अधिकारियों ने बताया कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रमुख किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी रविवार तीसरे दिन भी सवाई माधोपुर जिले में रेल पटरियों पर बैठे रहें. इसके चलते दिन में कम से कम 20 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और सात अन्य के मार्ग में परिवर्तन कर दिया गया.
आंदोलनरत गुर्जरों पर अलग-अलग जगहों पर मुकदमें दर्ज
आंदोलन कर रहे गुर्जरों पर तीन अलग-अलग जगहों पर मुकदमें दर्ज हुए है. जिनमें मलारना, करौली के हुडला और झुंझुनूं के उदयपुरवाटी में ये मुकदमे दर्ज हुए है.
धौलपुर हिंसा में 250 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
धौलपुर में हुई हिंसा में पुलिस ने 250 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जिसमें 50 लोगों के खिलाफ नामजद, बाकि अन्य के खिलाफ अज्ञात में मामला दर्ज हुआ है. गुर्जरों पर आईपीसी की धारा 307, 332, 353, 283, 3pdpp के तहत धौलपुर शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यातायात अवरूद्ध करने के सिलसिले में तीन मामले दर्ज किये गये हैं.धौलपुर के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने आगरा-मुरैना राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया. उनके अनुसार कुछ हुड़दंगियों ने हवा में गोलियां चलायी. इन लोगों ने पुलिस की एक बस सहित तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया. कुछ जवानों को चोटें भी आयी हैं.
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के घर पर नोटिस किया चसपा
करौली जिला प्रशासन ने गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के घर पर नोटिस चसपा किया है. जिसमें सुप्रीम कोर्ट के हवाले से जारी नोटिस में कहा गया है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सड़क तथा रेल मार्ग को अवरूद्ध करना न्यायालय की अवमानना है. उन्होंने कहा कि इस आशय का एक नोटिस राज्य के गृह विभाग ने भी जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अदालती आदेश की अवमानना पर बैंसला उत्तरदायी होंगे.
आर-पार की लड़ाई के मूड में गुर्जर
आंदोलन में बैठे गुर्जर नेता विजय बैंसला ने संकेत दिया कि अब सरकार से कोई बातचीत नहीं होगी. रविवार शाम गुर्जर नेता ने कहा कि 'आंदोलनकारी पटरी पर बैठे हैं और उनकी आंदोलन पर डटे रहने की ही नीति है.' शनिवार की बातचीत के बाद सरकार की ओर से उन्हें कोई संदेश या संकेत नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा, 'हमें सरकार के साथ कोई बात नहीं करनी है. हम आरक्षण की मांग कर रहे हैं उसे पूरा कर दिया जाए तो हम अपने घर चले जाएंगे.'
'पटरी से तब ही उठेंगे जब आरक्षण मिल जाएगा'-कर्नल बैंसला
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा है कि हमें 5 प्रतिशत आरक्षण चाहिए. सरकार से जो भी वार्ता होगी वो पटरी पर ही की जाएगी. केंद्र सरकार ने सर्वणों को 10 प्रतिशत का आरक्षण 7 दिनों में दे दिया. हम 14 सालों से संघर्ष कर रहे है. अब पटरी से तब ही उठेंगे जब हमें 5 प्रतिशत आरक्षण मिल जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा गुर्जरों की मांगों का ताल्लुक केंद्र सरकार से
गुर्जर आंदोलन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आंदोलन करना अलग बात है. लेकिन ट्रेन की पटरी पर बैठना कानूनी रूप से ठीक नहीं हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वार्ता के लिए सरकार के द्वार खुले हैं. हमने मंत्रियों की कमेटी बना दी है. मैं समझता हूं कि उन्हें खुद आगे आकर बातचीत का सिलसिला शुरू करना चाहिए. क्योंकि पहले भी डायलॉग हुए थे और बात आगे बढ़ी थी, और कई फैसले हुए थे उनके पक्ष में बात आगे बढ़ी थी. हम पूरी तरह तैयार है. हम इनकी भावनाओं का आदर करते हुए, फैसला लेंगे और यही हमारी धारणा है.
गहलोत ने कहा आज जो धौलपुर में हुआ उसमें कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल हुए केवल गुर्जर समाज की बात नहीं थी वहां की प्रशासन पूरी तरह देखेगा कि इस पूरे घटनाक्रम में कौन-कौन शामिल थे और किस तरह घटना घटित हुई और क्यों हुई.गहलोत ने कहा जब बैसला जी ही कह रहे हैं कि शांति बनाए रखें तो उनके समाज के लोगों को और उनके फॉलोअर्स को भी यह बात मानना चाहिए. इससे पहले गुर्जर आंदोलन की शुरुआत में अशोक गहलोत ने कहा था कि गुर्जरों की जो मांगे हैं. उनका ताल्लुक केंद्र सरकार से है.