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ट्रेनों पर कोहरे का असर: जयपुर और बीकानेर मंडल पर रेलवे यातायात प्रभावित, रेलवे ने किया विशेष प्रबंध

प्रदेश में कोहरे के चलते रेल यातायात प्रभावित हो रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

Guideline for train operation released
ट्रेनों पर कोहरे का असर

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2024, 7:48 PM IST

Updated : Jan 3, 2024, 10:03 PM IST

जयपुर. प्रदेश में घना कोहरा देखने को मिल रहा है. घने कोहरे का असर रेलवे यातायात पर भी पड़ रहा है. कोहरे के चलते ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है. सुरक्षित रेल संचालन को लेकर रेलवे प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. कोहरे के चलते ट्रेनों के संचालक को लेकर रेलवे की ओर से विशेष प्रबंध किए गए हैं. उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर और बीकानेर मण्डल के रेलखंड कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते हैं. संबंधित विभाग इंजीनियरिंग, सिग्नल एवं दूरसंचार, विद्युत, यांत्रिक, परिचालन और संरक्षा विभाग की ओर से संरक्षित रेल संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के दौरान ट्रेनों के संचालन में सुरक्षा को देखते हुए विशेष प्रंबध किए गए हैं. संरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ ने सभी विभागाध्यक्षों को सर्दियों के मौसम में विशेष सतर्कता के साथ कार्य करने के लिये समीक्षा बैठक में भी निर्देशित किया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में चलने वाली सभी रेलसेवाओं के लोको पायलेट को फोग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाए गए हैं.

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फोग सेफ्टी डिवाइस का प्रयोग: सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 881 फोग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध हैं. इन सभी में कोहरे वाले रेलखंड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है. इस रेलवे के जयपुर और बीकानेर मण्डल पर धुन्ध और कोहरे की अधिकता रहती है. इस कारण इन मण्डलों पर अधिक फोग सेफ्टी डिवाइस का प्रयोग किया जाता है. फोग सेफ्टी डिवाइस को इंजन पर लगा दिया जाता है, यह डिवाइस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली उस खण्ड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलेट को पूर्व में ही अवगत कराता रहता है. जिससे लोको पायलेट अपनी गाड़ी की स्पीड की नियंत्रित कर संरक्षा सुनिश्चित करता है.

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फिश प्लेटों का अनुरक्षण, ट्रेक रिन्यूअल: कैप्टन शशि किरण के अनुसार ज्यादा कोहरे वाले रेलखण्डों में सभी स्तर के कर्मचारियों के लिए सेफ्टी सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है. कम तापमान के दौरान रेल या वेल्डिंग फेलियर की पहचान कर उनको रिपेयर किया जा रहा है. फिश प्लेटों का अनुरक्षण, ट्रेक रिन्यूअल जैसे कार्य पूरे किए जा रहे हैं. कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, समपार फाटकों और पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. लोको पायलेट को सिगनल और अन्य संकेतकों की दृश्यता ठीक प्रकार से दिखे, इसके लिए संकेतको पर पुनः पेटिंग और चमकीले साईन बोर्ड, संकेतकों के पास गिट्टियों को चूने से रंगा गया है. इसके अलावा ऐसे खण्ड में पेट्रोलिंग की आवृति को बढ़ाकर रेलपथ की निगरानी को बढ़ाया गया है.

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रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था: कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों, अधिकारियों की ओर से रेलवे स्टॉफ की सजगता को लगातार चैक किया जा रहा है. कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में ट्रेनें देरी से संचालित हो सकती है. इसलिए असुविधा से बचने के लिए यात्रा शुरू करने से पहले रेलवे की अधिकृत वेबसाईट www.indianrail.gov.in या एनटीईएस (NTES) पर अपनी ट्रेन की वर्तमान स्थिति देखकर ही जाएं.

Last Updated : Jan 3, 2024, 10:03 PM IST

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