जयपुर. गोविंद देवजी मंदिर में रियासत कालीन चांदी के फव्वारे से ठाकुर जी को शीतलता प्रदान की जाएगी. गर्मी में भगवान को ठंडक प्रदान करने के लिए आज से जल यात्रा उत्सव की शुरुआत होगी. जिसमें श्री जी जलविहार कराया जाएगा. खास बात यह है कि हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से एक महीने तक जलविहार की झांकी होती थी, जिसमें एक घंटे भगवान को जलविहार कराया जाता था. लेकिन इस बार भक्तों को पानी बचाने का संदेश देते हुए विशेष तिथि और उत्सव पर ही जलविहार की झांकी सजेगी. इसका समय भी एकादशी और जेष्ठाभिषेक के अलावा महज 15 मिनट निर्धारित किया गया है.
राजधानी के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में आज दोपहर 12:30 से 12:45 बजे तक ठाकुर जी की जल यात्रा निकाली जाएगी. इस दौरान तरबूज, आम, जामुन, लीची, फालसे सहित अन्य ऋतु फल अर्पित किए जाएंगे. वहीं, खस और गुलाब के शरबत का भी भोग लगाया जाएगा. ठाकुर जी को दक्षिण भारत से मंगवाए गए चंदन का लेप कर, रियासत कालीन चांदी के फव्वारे से शीतलता प्रदान की जाएगी. ठाकुर जी को ये सेवा 4 जून जेष्ठाभिषेक तक अर्पित की जाएगी. मंदिर प्रशासन के अनुसार इस बार पानी की बचत का संदेश देते हुए श्री जी को 15 मिनट की जल यात्रा कराई जाएगी. हालांकि ज्येष्ठ महीने की दोनों एकादशी और जेष्ठाभिषेक पर इसका समय आधे घंटे का रहेगा.