जयपुर. पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं के साथ विधेयक पर भी एक्शन शुरू हो गया है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार के समय विधानसभा में पारित दो विश्वविद्यालय, जोधपुर के व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय और करौली का सौरभ विश्वविद्यालय के विधेयक को कई तरह की खामियों और आपत्तियों के साथ वापस लौटा दिया है. विधेयक वापस लौटाने के साथ मिश्र ने अपनी जांच रिपोर्ट में विश्वविद्यालय प्रबंध समिति और जांच समितियां के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. राज्यपाल ने जांच समिति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और जांच करने के आदेश भी दिए हैं .
न्यायिक जांच की अनुशंसा :विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इन दोनों विश्वविद्यालय विधेयक की जानकारी राज्यपाल के संदेश के माध्यम से विधानसभा सत्र के दौरान सदन में मौजूद विधायकों को दी. देवनानी ने कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने दोनों विश्वविद्यालय के पारित विधेयक के बाद उनके पास मंजूरी देने का प्रस्ताव गया, तो उन्होंने जोधपुर के व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय और करौली के सौरभ विश्वविद्यालय की जांच कराई तो कई तरह की कमियां सामने आई हैं. मिश्र ने अपने संदेश में विधायकों से कहा कि विधेयक में जिन प्रावधानों का जिक्र किया है, धरातल पर वह नहीं पाए गए हैं, जबकि सरकार की ओर से गठित जांच समितियां ने बिना तथ्यों की जांच करे ही विश्वविद्यालयों के पक्ष में रिपोर्ट दे दी, जो कि गलत है.