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Holika Dahan: मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने किया होलिका दहन, प्रदेश में सुख-समृद्धि की कामना - मंत्रोच्चार के बीच होलिका दहन

प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र सहित सभी पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने होलिका दहन पर प्रदेशवासियों की खुशहाली और समृद्धि की कामना की.

Holika Dahan: मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने किया होलिका दहन, प्रदेश में सुख-समृद्धि की कामना
Holika Dahan: मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने किया होलिका दहन, प्रदेश में सुख-समृद्धि की कामना

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Published : Mar 6, 2023, 9:49 PM IST

जयपुर.प्रदेश भर में होली का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित तमाम राजनीति से जुड़ी हस्तियों ने अपने निवास पर होली पूजन कर राज्य के लिए खुशहाली और समृद्धि की शुभकामना की.

राजभवन में होली दहन, राज्यपाल हुए शामिल: राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में सोमवार को होलिका दहन कार्यक्रम में भाग लिया. उन्होंने होली पर पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की. उन्होंने प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए समरसता, प्रेम और बंधुत्व के भाव से यह त्योहार मनाने की अपील की.

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सीएम आवास पर होली दहन: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर होली पूजन कर प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं समृद्धि की कामना की. गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास स्थित राज राजेश्वरी मंदिर में अपनी धर्मपत्नी सुनीता गहलोत के साथ आरती कर होली पूजन किया. सीएम आवास पर मंत्रोच्चार के बीच होलिका दहन किया गया. होलिका दहन के दौरान राजस्थान पुलिस की 4 आरएसी बटालियन के जवानों और राजस्थानी लोक कलाकारों ने चंग की थाप पर होली के गीत और नृत्य प्रस्तुत किए. सीएम गहलोत ने कलाकारों से मुलाकात की और उनका उत्साह बढ़ाया. इस अवसर पर अनेक गणमान्यजन और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी सपरिवार उपस्थित रहे.

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जयपुर में पूर्व राजपरिवार ने भी सिटी पैलेस में परंपरानुसार होलिका दहन किया. इसमें राजपरिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे और होलिका पूजी. इसके बाद होलिका दहन किया गया. इस होलिका की अग्नि की आंच को परकोटे में ले जाया गया. इसी आंच से अलग-अलग हो​ली को मंगलाया गया. यह परंपरा कई वर्षों से लगातार निभाई जा रही है. हालांकि दूरी अधिक होने से पूरे जिले में इस परंपरा को नहीं निभाया जा सकता है. हालांकि शहर के परकोटे में आज भी यह परंपरा जीवंत है. यही बात परकोटे की होली को खास बनाता है.

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