जयपुर. जिले के परकोटे में यूनेस्को के नए नियमों के तहत बिल्डिंग बायलॉज को बदला जा रहा है. यह कदम 50 साल में पहली बार उठाया जा रहा है. परकोटे में अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के साथ ही हेरिटेज लुक को संरक्षित करने के नजरिए से यह कदम उठाया जा रहा है.
परकोटे में बदला जा रहे बिल्डिंग बायलॉज बता दें कि मौजूदा समय में जयपुर की गलियां तंग हो चुकी हैं. परकोटा क्षेत्र में अवैध रूप से इमारतें बन रही हैं. जो शहर के हेरिटेज लुक को नुकसान पहुंचा रही हैं. शहर के हैरिटेज लुक को बनाए रखने के लिए सरकार के पास ना तो पर्याप्त संसाधन है. ना ही इसके लिए कोई सख्त कानून. शहर में अवैध निर्माण रोकने और शहर की विरासत बनाए रखने वाले कानून में 1970 के बाद कोई बदलाव नहीं किया गया. इसी का नतीजा रहा कि आज चारदीवारी की ऐतिहासिक साख पर कई कलंक लगे हुए.
वहीं यूडीएच विभाग की ओर से जल्द ही सरकारी मंजूरी के साथ परकोटे में नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होंगे. इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी साफ किया कि चारदीवारी के बिल्डिंग बायलॉज को बदला जा रहा है. यूनेस्को की ओर से परकोटे को विरासत में शामिल किया गया है ऐसे में बायलॉज दोबारा बनाए जा रहे हैं.
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बताया जा रहा कि विश्व धरोहर संरक्षण नियमों के तहत बिल्डिंग बायलॉज पहले से सख्त होंगे. जिसमें सभी मकानों के फसाड़ एक जैसे रखने होंगे. तो वहीं एक तय सीमा से ज्यादा ऊंचे मकान प्रतिबंधित होंगे. साथ ही रास्तों को भी अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा. माना जा सकता है कि नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होने के बाद जयपुर का पुराना वैभव भी दोबारा लौटेगा.