जयपुर. प्रदेश में बनी हुई बहुमंजिला इमारतों के फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को अब जलदाय विभाग पेयजल का कनेक्शन जारी करेगा. बुधवार को कैबिनेट ने इसके संबंध में जलदाय विभाग की पॉलिसी का अनुमोदन कर दिया. गुरुवार को महेश जोशी ने पॉलिसी को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अभी तक पूरे राजस्थान में हाईराइज बिल्डिंग में कनेक्शन देने का कोई प्रावाधन नहीं था, लेकिन अब सरकार ने जलदाय विभाग की पॉलिसी का अनुमोदन कर दिया है. जिसके बाद अब प्रदेश के 5 लाख फ्लैट्स में रहने वाले परिवारों को पेयजल का कनेक्शन मिल सकेगा. मंत्री जोशी ने बताया कि बहुमंजिला भवनों में घरेलू पेयजल मांग की गणना 1500 वर्ग फीट कारपेट एरिया तक के फ्लैट में 5 व्यक्ति प्रति फ्लैट और 1500 वर्ग फीट से अधिक कारपेट एरिया के फ्लैट में 7 व्यक्ति प्रति फ्लैट के अनुसार की जाएगी.
कनेक्शन के लिए ये देनी होगी राशि
- आवासीय बहुमंजिला भवन के कुल कारपेट एरिया पर 25 रुपए प्रति वर्ग फुट
- कॉमर्शियल बहुमंजिला भवन के कुल कारपेट एरिया पर राशि 42 रुपए प्रति वर्ग फुट
- कनेक्शन के लिए एकमुश्त शुल्क की न्यूनतम 25 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी
- शेष 75 प्रतिशत एकमुश्त राशि बिल के साथ 60 समान किश्तों में 9 प्रतिशत साधारण ब्याज के साथ देनी होगी
लापरवाही में पेयजल लाइन तोड़ने पर होगी एफआईआर :मंत्री जोशी ने बताया कि पीएचईडी विभाग संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा. साथ ही आरोपी कंपनी से हर्जाना राशि वसूली जाएगी. प्रदेश में अब फाइबर, ऑप्टिकल, टेलीफोन और बिजली सहित अन्य लाइन डालने में अगर संबंधित कंपनी ने लापरवाही बरतते हुए पेयजल लाइन को तोड़ा तो उसके खिलाफ जलदाय विभाग एफआईआर दर्ज कराएगा. वहीं, संबंधित कंपनी से लाइन तोड़ने और व्यर्थ बहे पानी का हर्जना भी वसूल किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आए दिन देखा जाता है कि तरह-तरह की लाइनें जमीन में डालने वाली कंपिनयां लापरवाही बरतते हुए पेयजल लाइन को डैमेज कर देती है. ऐसे में लाखों गैलन पानी व्यर्थ में बह जाता है. उपभोक्ताओं को भी पानी नहीं पहुंच पाता है. ऐसे में अब विभाग ने यह निर्णय लिया है कि ऐसी कंपनियों के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज करवाएगा. कंपनी से नुकसान का हर्जना भी वसूल किया जाएगा. मंत्री महेश जोशी ने बताया कि इसकी शुरुआत कर दी गई है. मंगलवार को जगतपुरा में ऑप्टिकल फाइबर लाइन डालते समय पेयजल की लाइन टूट गई थी. जिससे लाखों गैलन पानी बह गया था. इसमें कंपनी के खिलाफ विभाग ने रामनगरिया थाने में मामला दर्ज कराया है.