जयपुर. मां लक्ष्मी की आराधना के बाद राजधानी में अब रामा-श्यामा दौर जारी है. वहीं, सोमवार को सोमवती अमावस्या होने के चलते एक दिन बाद मंगलवार को गोवर्धन पूजा पर्व मनाया जा रहा है. गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में भी महोत्सव के तहत ठाकुर जी को गर्म तासीर के व्यंजन परोसे गए, जिसमें बाजरा, मूंग, मोठ और चोले सहित 25 तरह का कच्चा भोग और 56 भोग अर्पित किए गए.
इस दौरान मंदिर परिसर में पश्चिम द्वार पर गोवर्धन और गाय-बछड़े का पूजन किया गया. वहीं, ठाकुर श्री जी को महाराज माधो सिंह की ओर से धारण करवाई गई. 103 साल पुरानी पोशाक धारण कराई गई सोने-चांदी-जरी जड़ित इस पोशाक को गोवर्धन पूजा वाले दिन ही ठाकुर श्री जी को धारण करवाया जाता है. मान्यता है कि 5000 साल पहले द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के वर्षा रूपी प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र का घमंड तोड़ा था, तभी से गाय के गोबर से तैयार गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है. इस दौरान पूजा में अन्नकूट और कुछ जगह चूरमा-बाटी का भोग लगाया जाता है.