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राजस्थान में शिक्षकों को बड़ी राहत...अब 60 नहीं 50 फीसदी कम परिणाम पर होगी कार्रवाई - जयपुर

प्रदेश में शिक्षा विभाग ने तीन लाख सरकारी शिक्षकों के हित में बड़ा फैसला लिया है. हाल ही में आए परिणामों में कम रिजल्ट देने पर भी नोटिस के मापदंडों में शिक्षकों को छूट दी गई है.

राजस्थान में शिक्षकों के हित में बड़ा निर्णय

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Published : May 29, 2019, 12:45 PM IST

जयपुर. शिक्षा विभाग ने प्रदेश के तीन लाख सरकारी शिक्षकों को राहत दी है. हाल ही में आए परिणामों में कम रिजल्ट पर भी नोटिस के मापदंडों में शिक्षकों को छूट दी गई है, लेकिन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय 60 फीसदी से कम परिणाम पर स्कूल के संस्था प्रधानों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती थी.

कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही नए आदेश जारी किए गए है और आदेश के अनुसार उन संस्था प्रधानों पर कार्रवाई नहीं होगी जिनका परिणाम 60 फीसदी से कम रहा है. लेकिन शिक्षकों को स्कूल में 30 सितंबर तक नामंकन का लक्ष्य पूरा करना होगा. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की पहल के बाद शिक्षा विभाग ने परिपत्र जारी किया है. वहीं मंत्री डोटासरा ने कहा कि हमारा लक्ष्य है सरकारी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा नामांकन वृद्धि हो और शिक्षा गुणवत्तापूर्ण हो.

शिक्षा विभाग के इस फैसले का विभिन्न शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है. वर्तमान में सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक 150, कक्षा 6 से 8 तक 105, कक्षा 9 से 10 तक 100 और कक्षा 11 से 12 तक संकाय के अनुसार 100 -100 विद्यार्थियों का नामांकन अपेक्षित है. किसी स्कूल में इससे कम नामांकन है तो इतना करना होगा या फिर इतना या इससे अधिक है तो उसे 10 फीसदी नामांकन बढ़ोतरी का लक्ष्य तय करना होगा. लक्ष्य अगर अर्जित कर लिया जाएगा तो संस्था प्रधान या शिक्षक परिणाम में 10 फीसदी की छूट मिलेगी.

राजस्थान में शिक्षकों के हित में बड़ा निर्णय

सेकेंडरी परीक्षा परिणाम के निर्धारित न्यूनतम परीक्षा परिणाम संस्था प्रधान के लिए 50 प्रतिशत और शिक्षकों के लिए 60 प्रतिशत परिणाम रहने पर 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी. जबकि उच्च माध्यमिक के प्रिंसिपल को 60 प्रतिशत और शिक्षक को 70 प्रतिशत रहने पर 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी.

राजस्थान माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस बार विधानसभा और लोकसभा चुनावों में शिक्षकों के व्यस्त होने से शैक्षणिक कार्यों में समय नहीं मिल पाया था. लेकिन सरकार ने शिक्षकों को शिथिलता प्रदान करके राहत दी है. शिक्षा विभाग की पहल का स्वागत करते हुए अरस्तु के प्रदेशाध्यक्ष राम कृष्णा अग्रवाल का कहना है कि यह पहल व्यवहारिक एवं नामांकन वृद्धि जनक है. शिक्षक उत्साह और उमंग के साथ सरकारी विद्यालयों में नामांकन वृद्धि का अभियान चलाएंगे. सरकारी स्कूलों में छात्रों की कमी के लिए ना तो शिक्षकों को ना ही सरकार को जूझना पड़ेगा.

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