जयपुर.प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के प्रयास आखिरकार कारगर साबित हुए और शनिवार को एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के निवास पर एक-एक कर (Gehlot supporters MLAs withdraw resignations) इस्तीफा देने वाले विधायक पहुंचे और अपना इस्तीफा वापस ले लिए. हालांकि विधायकों का यह जमावड़ा बीते 25 सितंबर के वाकया को ताजा करने जैसा था, लेकिन तब उनके चेहरों पर आक्रोश और बगावती रवैया था, पर आज सूरत-ए-हाल उल्ट रही और सभी विधायक मुस्कुराते नजर आए.
खैर, ये वही कांग्रेस विधायक थे, जो जिन्होंने 25 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में अपना इस्तीफा दिया था. असल में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद राजस्थान में कांग्रेस के पक्ष में बने माहौल और प्रभारी रंधावा की फीडबैक बैठक के बाद पार्टी आलाकमान ने तत्काल इस्तीफा (Resignation withdrawn after meeting Speaker) वापस लेने का निर्देश दिया था. जिसके बाद विधायक बिना लेटलतीफी किए शनिवार को 49 सिविल लाइन स्थित विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के बंगले पर पहुंचे और अपना इस्तीफा वापस ले लिया. ऐसा इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि विधानसभा सत्र आगामी 23 जनवरी से शुरू होने जा रहा है.
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साथ ही गहलोत समर्थक विधायक इस बात को लेकर भी पूरी तरह से आस्वस्थ हैं कि बजट सीएम गहलोत ही पेश करेंगे. ऐसे में आलकमान के निर्देशों को विधायकों ने हाथों हाथ लिया और मंत्री, विधायक अपने इस्तीफे को वापस लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के निवास पहुंच गए. वहीं, इस्तीफे वापस लेने से (Rahul Gandhi harat Jodo Yatra) पहले सभी विधायकों ने मुख्य सचेतक महेश जोशी से बात की. इसके बाद वो स्पीकर आवास पर पहुंचे. खैर, भले ही गहलोत समर्थक विधायकों ने इस्तीफे वापस ले लिए हो, लेकिन अब भी उनके तेवर नरम नहीं दिखे. इस बीच कुछ विधायकों ने बयानबाजी भी की और कहा कि सीएम तो अशोक गहलोत ही रहेंगे. इतना ही नहीं विधायकों ने यह भी कहा कि अगर चुनावी साल में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता था.
कौन क्या बोला...
सीएम ने 4 साल में किए रिकॉर्ड तोड़ विकास:इस्तीफा वापस लेने के बाद स्पीकर सीपी जोशी के निवास के बाहर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए पूर्व मंत्री व मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आलाकमान जो निर्णय लेगा, वो हर किसी को मंजूर है. लेकिन उनके 35 साल के सियासी करियर में उन्होंने आज तक इतना काम होते कभी नहीं देखा, जितना बीते 4 साल में हुआ है.